क्या बीएफआई ने विश्व कप में पदक जीतने वाले मुक्केबाजों के लिए पुरस्कार राशि की घोषणा की?

सारांश
Key Takeaways
- बीएफआई ने 17.5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि की घोषणा की।
- स्वर्ण पदक विजेता को 2 लाख रुपए मिलेंगे।
- भारत ने विश्व मुक्केबाजी कप में 17 पदक जीते।
- अजय सिंह ने खिलाड़ियों को बधाई दी।
- ओलंपिक के लिए तैयारी चल रही है।
नई दिल्ली, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने हाल ही में ब्राजील और कजाकिस्तान में आयोजित विश्व मुक्केबाजी कप में पदक जीतने वाले १७ भारतीय मुक्केबाजों के लिए १७.५ लाख रुपए की पुरस्कार राशि की घोषणा की है।
स्वर्ण पदक विजेता को २ लाख रुपए, रजत पदक विजेता को १ लाख रुपए और कांस्य पदक विजेता को ५०,००० रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
यह घोषणा उस समय की गई है, जब भारत का राष्ट्रीय कोर समूह दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की तैयारी के लिए पटियाला शिविर में प्रशिक्षण ले रहा है।
सितंबर में लिवरपूल में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप और इसके बाद नई दिल्ली में विश्व मुक्केबाजी कप का फाइनल होना है। भारतीय टीम मजबूती से फाइनल की दिशा में बढ़ रही है।
बीएफआई और अंतरिम समिति के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, "मैं विश्व मंच पर शानदार प्रदर्शन के लिए अपने मुक्केबाजों को बधाई देना चाहता हूं। हमारे प्रयास रंग लाने लगे हैं। भारत ने पहले दो कप में शानदार प्रदर्शन किया है और विश्व में पांचवां खिताब जीता है। यह गर्व की बात है। जब आप इन चैंपियनशिप में जाते हैं, तो लोग दल को बधाई देने आते हैं और हमें बताते हैं कि भारत मुक्केबाजी में कितना अच्छा काम कर रहा है। चीन ने भी मुक्केबाजी के विकास में रणनीतिक साझेदारी के लिए हमसे संपर्क किया है, जो दर्शाता है कि दुनिया भारतीय मुक्केबाजी को कितनी ऊंची नजर से देख रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह तो बस शुरुआत है। कई मैरी कॉम और विजेंदर सिंह मौजूद हैं। हमें उन्हें निखारना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि वे ओलंपिक सहित बड़े मंचों पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए तैयार हों।"
ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आप सभी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। हमें इसी तरह आगे बढ़ते रहना होगा। जीवन में बहुत सारी बाधाएं आती हैं और हमें बिना संतुष्ट हुए, हमेशा अधिक सफलता की भूख के साथ आगे बढ़ना है।"
विश्व मुक्केबाजी कप में भारत ने कुल १७ पदक जीते, जिनमें ४ स्वर्ण पदक शामिल हैं। इनमें साक्षी (५४ किग्रा), जैस्मीन लम्बोरिया (५७ किग्रा) और नुपुर (८०+ किग्रा) ने अस्ताना में और हितेश गुलिया (७० किग्रा) ने ब्राजील में शानदार प्रदर्शन किया। हितेश और अभिनाश जामवाल ने ६५ किग्रा वर्ग में पदक जीते। हितेश ने एक स्वर्ण और एक रजत जबकि अभिनाश ने दो रजत पदक जीते।
भारत की पदक तालिका में पूजा रानी (८० किग्रा), मीनाक्षी (४८ किग्रा), जुगनू (८५ किग्रा), और हितेश तथा अभिनाश ने अस्ताना में रजत पदक जीते, जबकि संजू (६० किग्रा), निखिल दुबे (७५ किग्रा) और नरेंद्र (९०+ किग्रा) ने कांस्य पदक जीते। ब्राजील चरण में, जदुमणि सिंह (५० किग्रा), मनीष राठौर (५५ किग्रा), सचिन सिवाच (६० किग्रा) और विशाल (९० किग्रा) ने भी कांस्य पदक हासिल किए।