क्या भारतीय क्रिकेट जरूरी है? बीसीसीआई मेरे भविष्य का फैसला करेगा: गौतम गंभीर
सारांश
Key Takeaways
- गौतम गंभीर ने कहा कि बीसीसीआई उनके भविष्य का निर्णय करेगा।
- युवा टीम को अनुभव की कमी है।
- इंग्लैंड दौरे का सकारात्मक प्रदर्शन याद किया गया।
- गंभीर के नेतृत्व में भारत ने 18 में से 10 टेस्ट हारे हैं।
- टीम को सीखने और सुधारने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला 0-2 से हारने के बाद, टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) उनके भविष्य का निर्णय करेगा। उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर भारत की युवा टीम के बेहतरीन प्रदर्शन की भी याद दिलाई।
भारतीय टीम ने कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट में 124 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 30 रन से हार का सामना किया। इसके बाद गुवाहाटी में टीम को 549 रन का कठिन लक्ष्य मिला, जिसे पूरा करने की कोशिश करते हुए टीम केवल 140 रन पर सिमट गई। साउथ अफ्रीका ने यह मैच 408 रन के बड़े अंतर से जीत लिया। पिछले साल भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से घरेलू टेस्ट श्रृंखला भी खोई थी।
टेस्ट प्रारूप में हालिया खराब प्रदर्शन को देखते हुए, गंभीर की कोचिंग पर सवाल उठ रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में भारत ने छह टेस्ट श्रृंखलाएं खेली हैं, जिनमें से केवल दो में जीत मिली है, जबकि एक श्रृंखला ड्रॉ रही है।
दूसरे टेस्ट के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने कहा, "यह बीसीसीआई पर निर्भर है। जब मैंने हेड कोच का पद संभाला था, तब मैंने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था - भारतीय क्रिकेट जरूरी है, मैं जरूरी नहीं। मैं यहीं पर यही बात दोहराना चाहता हूं।"
उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर भारत के सकारात्मक प्रदर्शन को याद किया, जहां भारत ने पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला 2-2 से बराबर की थी। कोच ने कहा, "मैं वही व्यक्ति हूं जिसने इंग्लैंड में युवा टीम के साथ अच्छे परिणाम प्राप्त किए थे। मुझे विश्वास है कि आप लोग जल्द ही इसे भूल जाएंगे।"
गौतम गंभीर ने स्वीकार किया कि इस युवा टीम का अनुभव सीमित है। उन्होंने कहा, "यह एक ऐसी टीम है जिसका अनुभव कम है। मैंने पहले भी कहा है कि उन्हें सीखते रहना चाहिए। वे स्थिति को बदलने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।"
गंभीर के कार्यकाल में, भारत ने 18 में से 10 टेस्ट मैच हारे हैं, जिसमें गुवाहाटी में 408 रन से हार सबसे बड़ी हार थी।
गंभीर को हाल ही में बार-बार प्लेइंग इलेवन में बदलाव करने और लंबे फॉर्मेट में स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बजाय ऑलराउंडर्स को प्राथमिकता देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा, "हम सभी जीतते हैं और हारते हैं। इसलिए मैं ऐसा नहीं कह सकता कि यह किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर करता है। यह सभी खिलाड़ियों पर निर्भर करता है। एक समय हमारा स्कोर 95/1 था, फिर 120/7 पर आ गया, जो स्वीकार्य नहीं है।"
गौतम गंभीर को यकीन है कि अनुभव के साथ भारत की यह युवा टीम बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, "मैं बहाने नहीं बनाता। मैंने पहले कभी ऐसा नहीं किया और भविष्य में भी नहीं करूंगा। लेकिन जब आप टॉप-क्वालिटी टीम के खिलाफ खेल रहे हों, तो टेस्ट मुकाबला कभी भी आसान नहीं होता।"