क्या पुरुषों के वनडे में दो गेंद के नियम और कनकशन सब्स्टीट्यूट प्रोटोकॉल में बदलाव हो रहे हैं?

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क्या पुरुषों के वनडे में दो गेंद के नियम और कनकशन सब्स्टीट्यूट प्रोटोकॉल में बदलाव हो रहे हैं?

सारांश

आईसीसी ने पुरुषों के वनडे में महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी दी है, जिसमें दो गेंदों का नियम और कनकशन सब्स्टीट्यूट प्रोटोकॉल शामिल हैं। ये बदलाव क्रिकेट में संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से किए गए हैं।

Key Takeaways

  • आईसीसी ने दो गेंदों के नियम में बदलाव किया है।
  • कनकशन सब्स्टीट्यूट प्रोटोकॉल में नए दिशा-निर्देश जोड़े गए हैं।
  • कैचिंग के नियमों में भी संशोधन हुआ है।
  • सुरक्षा और खेल के संतुलन को प्राथमिकता दी गई है।

दुबई, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। आईसीसी ने पुरुषों के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वनडे के दो गेंदों के नियम और कनकशन सब्स्टीट्यूट प्रोटोकॉल में बदलाव को मंजूरी दे दी है।

नए प्लेइंग कंडिशंस आईसीसी की पुरुष क्रिकेट समिति की सिफारिश पर आधारित हैं और चीफ एग्जीक्यूटिव्स कमेटी द्वारा पास किए गए हैं। ये 17 जून से टेस्ट में, 2 जुलाई से वनडे में और 10 जुलाई से टी20 में लागू होंगे।

फिलहाल पुरुषों के वनडे में एक पारी में दो नई गेंदों का इस्तेमाल होता है। नए नियमों के अनुसार पारी की शुरुआत से 34वें ओवर तक दो गेंदें इस्तेमाल होंगी। इसके बाद गेंदबाजी टीम दोनों में से एक गेंद चुनेगी, जिसका इस्तेमाल 35वें से 50वें ओवर तक दोनों छोर से किया जाएगा।

आईसीसी ने कहा कि इस बदलाव का उद्देश्य “बल्ले और गेंद के बीच संतुलन को फिर से स्थापित करना” है। अगर किसी वनडे को पहली इनिंग शुरू होने से पहले ही घटाकर 25 ओवर या उससे कम कर दिया जाता है, तो पूरी पारी के लिए केवल एक नई गेंद दी जाएगी। नए कनकशन प्रोटोकॉल के अनुसार, टीमों को मैच शुरू होने से पहले मैच रेफरी को अपने सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों के नाम इन भूमिकाओं के आधार पर देने होंगे:

एक विकेटकीपर

एक बल्लेबाज

एक तेज गेंदबाज

एक स्पिनर

एक ऑलराउंडर

इस साल जनवरी में भारत ने बल्लेबाजी ऑलराउंडर शिवम दुबे की जगह चौथे टी20 में इंग्लैंड के खिलाफ गेंदबाजी ऑलराउंडर हर्षित राणा को कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में उतारा था। राणा ने मैच में 33 रन देकर 3 विकेट लिए और उन्हें खेलने के लिए मंजूरी देने का फैसला काफी बहस का विषय बना। अब जिन भूमिकाओं में खिलाड़ी नामित किए जाएंगे, उससे ऐसी स्थितियों से बचा जा सकता है।

अगर रिप्लेसमेंट खिलाड़ी को भी कनकशन हो जाए, तो मैच रेफरी मौजूदा “लाइक-फॉर-लाइक” प्रोटोकॉल के अनुसार नामित पांच खिलाड़ियों से बाहर के खिलाड़ी को मंजूरी दे सकते हैं।

कैचिंग से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया गया है, जिसमें एमसीसी ने ‘बनी हॉप’ के जरिए बाउंड्री के बाहर जाकर कैच पकड़ने को अवैध करार दिया है।

Point of View

हम सभी क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये बदलाव महत्वपूर्ण हैं। ये न सिर्फ खेल को नया आयाम देंगे, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी पारदर्शिता लाएंगे।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

कनकशन सब्स्टीट्यूट क्या होता है?
कनकशन सब्स्टीट्यूट एक खिलाड़ी है जो मैच के दौरान किसी अन्य खिलाड़ी के चोटिल होने पर उसकी जगह लेता है।
दो गेंदों का नियम कब से लागू होगा?
दो गेंदों का नियम 2 जुलाई से वनडे में लागू होगा।
कनकशन प्रोटोकॉल में बदलाव क्यों किया गया है?
बदलाव का उद्देश्य खेल में संतुलन बनाए रखना और खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
क्या कैचिंग नियम में कोई बदलाव हुआ है?
हाँ, 'बनी हॉप' के जरिए बाउंड्री के बाहर जाकर कैच पकड़ना अब अवैध है।
कनकशन सब्स्टीट्यूट के नियम क्या हैं?
टीमों को मैच शुरू होने से पहले अपने सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों के नाम देना होगा, जिनमें विभिन्न भूमिकाएं शामिल हैं।