क्या भारतीय तेज गेंदबाज ने पाकिस्तानी कप्तान की बोलती बंद कर दी थी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-पाकिस्तान मैचों की खासियतें
- वेंकटेश प्रसाद का अद्भुत प्रदर्शन
- क्रिकेट के इतिहास में महत्वपूर्ण क्षण
- बोल्डिंग की तकनीक
- क्रिकेट कोचिंग में योगदान
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का हर कोई दीवाना होता है। इन मैचों में तनाव, रोमांच और गुस्सा सब कुछ देखने को मिलता है। ऐसे में अगर कोई खिलाड़ी अपनी बेजोड़ परफॉर्मेंस से टीम को जीत दिलाता है, तो वह क्रिकेट जगत में प्रसिद्ध हो जाता है। वेंकटेश प्रसाद भी ऐसे ही एक नाम हैं।
वेंकटेश प्रसाद, जो दाएं हाथ के तेज गेंदबाज रहे हैं, ने 1996 के क्वार्टर फाइनल मैच में भारत और पाकिस्तान के बीच अद्भुत प्रदर्शन किया। इस मैच की एक घटना क्रिकेट के इतिहास में सबसे चर्चित रही है। पाकिस्तान के कप्तान आमिर सोहेल ने वेंकटेश की गेंद पर चौका लगाया और उन्हें चिढ़ाने की कोशिश की।
लेकिन वेंकटेश ने अगली गेंद पर आमिर सोहेल को बोल्डबोलती बंद कर दी। इस मैच को जीतकर भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची। वेंकटेश ने 10 ओवर में 45 रन देकर 3 विकेट लेकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
5 अगस्त 1969 को बेंगलुरु में जन्मे वेंकटेश ने 1994 में 25 साल की उम्र में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया। 1994 से 2001 के दौरान, वे जवागल श्रीनाथ और अनिल कुंबले के साथ मिलकर भारतीय गेंदबाजी की मजबूत कड़ी रहे।
अपने 7 साल के करियर में वेंकटेश ने 33 टेस्ट और 161 वनडे खेले, जिसमें उन्होंने टेस्ट में 96 और वनडे में 196 विकेट लिए।
2005 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, वेंकटेश प्रसाद कमेंटेटर और कोच के रूप में सक्रिय रहे। उन्होंने 2006 में अंडर-19 विश्व कप में भारतीय टीम के कोच का कार्यभार संभाला और 2007 में धोनी की कप्तानी में टी20 विश्व कप जीतने वाली टीम के गेंदबाजी कोच रहे।
वे आईपीएल में आरसीबी और पंजाब की टीम से भी जुड़े रहे हैं।