क्या लवली चौबे ने 42 साल की उम्र में भारत को 'बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स' में गोल्ड दिलाने का कारनामा किया?

सारांश
Key Takeaways
- लवली चौबे ने 42 वर्ष की आयु में बर्मिंघम में गोल्ड मेडल जीता।
- उन्होंने लॉन बॉल में करियर बनाने का निर्णय चोट के बाद लिया।
- लवली झारखंड की प्रमुख लॉन बॉल खिलाड़ी हैं।
- उन्होंने 2014, 2018 और 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लिया।
- लवली झारखंड पुलिस में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत हैं।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। छोटे शहरों से निकलकर किसी भी खेल में खुद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना और सफलता प्राप्त करना आसान नहीं है। किसी महिला खिलाड़ी के लिए यह यात्रा और भी कठिन होती है।
रांची की निवासी लवली चौबे ने यह कारनामा कर दिखाया और कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता।
लवली चौबे का जन्म 3 अगस्त 1980 को झारखंड की राजधानी रांची में हुआ। वह भारत की प्रमुख लॉन बॉल खिलाड़ी हैं। उन्होंने देश में लॉन बॉल को लोकप्रिय बनाने और लोगों में इस खेल के प्रति रुचि जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लवली पहले लंबी कूद की खिलाड़ी थीं और पूर्वी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती थीं। अधिक प्रशिक्षण के कारण उनके कूल्हों में चोट लग गई। चोट के बाद उनके लिए लंबी कूद जारी रखना कठिन हो गया। वह निराश थीं। लेकिन, उन्हें निराशा छोड़ने और लॉन बॉल खेलने का सुझाव क्रिकेट अंपायर मधुकांत पाठक ने दिया।
यह सलाह लवली की जिंदगी का मोड़ बन गई और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाने का अवसर मिला।
लवली ने 2008 में लॉन बॉल खेलना शुरू किया। एक प्रतियोगिता में उन्होंने 70,000 रुपए जीते और तभी से उन्होंने इस खेल में करियर बनाने का निर्णय लिया।
लवली ने भारत की ओर से 2014, 2018 और 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया। 2022 में बर्मिंघम में हुई प्रतियोगिता में पिंकी सिंह, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी तिर्की के साथ मिलकर मेडल जीता। उनकी कप्तानी वाली टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया।
इससे पहले, उन्होंने 2014 में एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। लवली ने 2023 में कुआलालम्पुर में हुए एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल प्राप्त किया।
खेल से इतर, लवली झारखंड पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं।