क्या जसपाल राणा ने मनु भाकर को ओलंपिक मेडलिस्ट बनाया?

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क्या जसपाल राणा ने मनु भाकर को ओलंपिक मेडलिस्ट बनाया?

सारांश

जसपाल राणा, एक उत्कृष्ट निशानेबाज, ने न केवल खुद को बल्कि मनु भाकर जैसी प्रतिभाओं को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उनके कोच रहते हुए मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। जानिए इस दिग्गज खिलाड़ी की यात्रा और उनके योगदान के बारे में।

Key Takeaways

  • जसपाल राणा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते हैं।
  • वे मनु भाकर के कोच हैं, जिन्होंने ओलंपिक में कांस्य पदक जीता।
  • जसपाल राणा को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
  • वे कोचिंग में युवाओं की प्रतिभा को निखारने का कार्य कर रहे हैं।
  • उनकी यात्रा से प्रेरणा लेकर युवा निशानेबाज आगे बढ़ सकते हैं।

नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। जसपाल राणा भारत के एक प्रतिष्ठित निशानेबाज हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में अपने अद्भुत प्रदर्शन के माध्यम से राणा ने देश में निशानेबाजी को एक नई पहचान दिलाई। इस खेल से संन्यास लेने के बाद, वे कोच के रूप में सक्रिय हैं।

28 जून 1976 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में जन्मे जसपाल राणा ने महज 12 साल की उम्र में सिल्वर मेडल जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी शानदार शुरुआत की। 1988 में 31वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में उन्होंने सिल्वर जीता। 1994 में इटली के मिलान में आयोजित विश्व निशानेबाजी प्रतियोगिता में उन्होंने जूनियर स्तर पर एक विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।

जसपाल राणा ने 1996 में अटलांटा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1994 एशियन गेम्स में उन्होंने 1 जबकि 2006 एशियन गेम्स में 3 गोल्ड मेडल जीते थे। 2006 में उन्होंने एक सिल्वर भी जीता। 1998 एशियन गेम्स में सिल्वर और 1994 तथा 1998 एशियन गेम्स में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीते थे।

राष्ट्रमंडल खेलों में भी जसपाल राणा का प्रदर्शन अद्वितीय रहा। 1994 से 2006 के बीच चार राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने 9 गोल्ड जीते। 2002 में मेलबर्न में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने 4 गोल्ड मेडल जीते थे। एशियन चैंपियनशिप 1995 में भी उन्होंने गोल्ड जीता।

2012 के बाद से जसपाल राणा कोचिंग में सक्रिय हैं। 2024 में पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजी में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली मनु भाकर के कोच जसपाल राणा हैं।

जसपाल को 18 साल की उम्र में अर्जुन पुरस्कार और 21 साल की उम्र में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। 2020 में उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार भी मिला। निशानेबाजी में अपनी अपार सफलता के बाद, जसपाल राणा अब युवाओं की प्रतिभा निखारने में जुटे हैं। मनु भाकर इसका जीवंत उदाहरण हैं, जिन्होंने जसपाल राणा की मार्गदर्शन में पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा और 10 मीटर मिक्सड डबल्स में कांस्य पदक जीता है। इस तरह मनु भाकर एक ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली एकमात्र एथलीट बनीं।

उन्होंने एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप में 7 पदक तथा विश्व चैंपियनशिप और विश्व कप में 22 पदक जीते हैं।

Point of View

जसपाल राणा एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं, जो न केवल अपने खेल में उत्कृष्टता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि उन्होंने युवा प्रतिभाओं के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका अनुभव और विशेषज्ञता न केवल भारतीय निशानेबाजी को निखारने में सहायक है, बल्कि उन्होंने एक नई पीढ़ी को भी प्रेरित किया है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

जसपाल राणा ने कितनी बार ओलंपिक में भाग लिया?
जसपाल राणा ने 1996 के अटलांटा ओलंपिक में भाग लिया।
मनु भाकर ने किस ओलंपिक में पदक जीता?
मनु भाकर ने 2024 के पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता।
जसपाल राणा को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?
जसपाल राणा को अर्जुन पुरस्कार, पद्मश्री और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।