क्या कभी 'बिस्किट के पैकेट' के लिए खेला करते थे जावेद हुसैन? आज रग्बी प्रीमियर लीग में हैं 'नंबर-1' भारतीय

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क्या कभी 'बिस्किट के पैकेट' के लिए खेला करते थे जावेद हुसैन? आज रग्बी प्रीमियर लीग में हैं 'नंबर-1' भारतीय

सारांश

जावेद हुसैन की कहानी एक प्रेरणा है, जो कभी 'बिस्किट के पैकेट' के लिए खेला करते थे। आज वह रग्बी प्रीमियर लीग में सबसे उत्कृष्ट भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। जानिए कैसे उन्होंने अपने संघर्ष से सफलता हासिल की।

Key Takeaways

  • जावेद हुसैन का संघर्ष प्रेरणा का स्रोत है।
  • गरीबी में भी सफलता संभव है।
  • कड़ी मेहनत और समर्पण से लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं।
  • रग्बी जैसे खेलों में भारत की प्रतिभा को पहचानना आवश्यक है।
  • एनजीओ का सहयोग बच्चों के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण है।

मुंबई, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। रग्बी प्रीमियर लीग-2025 (आरपीएल) के पहले सप्ताह में 'हैदराबाद हीरोज' ने अपने सभी चार मैच जीत लिए हैं। यह टीम 15 अंक के साथ अंक तालिका में शीर्ष पर है।

'हैदराबाद हीरोज' की इस सफलता का बड़ा श्रेय जावेद हुसैन को जाता है, जिनकी कहानी प्रेरणादायक है। उन्होंने चार मुकाबलों में 20 अंक के साथ प्वाइंट्स टेबल में सातवां स्थान प्राप्त किया है। इस सीजन में वह लीग के सबसे उत्कृष्ट भारतीय खिलाड़ी हैं।

नई दिल्ली के वसंत कुंज में रहने वाले जावेद का जीवन एक साधारण पृष्ठभूमि से शुरू हुआ। वह झुग्गी में बड़े हुए, जहां उनके घर के पीछे जंगल था, और उन्हें शौच के लिए वहां जाना पड़ता था क्योंकि घर में शौचालय नहीं था।

धीरे-धीरे एक एनजीओ (अर्थ फाउंडेशन) ने इस जंगल को साफ करके एक खेल मैदान बनाया। 'दिल्ली हरिकेंस रग्बी क्लब' के कोच ने एनजीओ के सहयोग से यहां बच्चों को प्रशिक्षण देना शुरू किया। जावेद अक्सर अपने दोस्तों को खेलते देखता था, लेकिन उसे खेल समझ में नहीं आता था। उसने अपने से बड़े बच्चों से डर भी रखा था।

एक दिन कोच ने जावेद को देखा और उसे बताया कि अगर वह ट्रेनिंग में भाग लेगा, तो उसे 'टाइगर' बिस्किट का पैकेट मिलेगा।

फिर क्या था, 'बिस्किट' के लालच में जावेद ने रग्बी खेलना शुरू कर दिया।

शुरुआत में जावेद के परिवार के पास पैसे की कमी थी, लेकिन उनके पिता ने हर संभव प्रयास किया।

अपनी साधारण शुरुआत के बावजूद, जावेद ने कहा कि वह पैसे या प्रसिद्धि के लिए नहीं, बल्कि अनुभव और प्रदर्शन के लिए 'आरपीएल' खेल रहे हैं।

जावेद बताते हैं कि जब वह लीग में शामिल हुए, तो उन्हें पैसे या किसी अन्य चीज की परवाह नहीं थी। वह सिर्फ उन लोगों के साथ खेलना चाहते थे, जिन्हें वह टीवी पर देखता था। वह उनसे सीखना चाहते थे।

'हैदराबाद हीरोज' कैंप में जावेद विश्व स्तरीय खिलाड़ियों के बीच हैं। फिजी के जोजी नासोवा और टेरियो तमानी जैसे ओलंपिक पदक विजेता और उनके स्पेनिश कप्तान मनु मोरेनो जैसे सितारे उनके साथ लॉकर रूम साझा करते हैं, जो एक उभरते रग्बी खिलाड़ी के लिए अमूल्य अनुभव है।

जावेद वर्ल्ड रग्बी के सबसे बड़े नामों में से एक डीजे फोर्ब्स से ट्रेनिंग ले रहे हैं, जो ऑल ब्लैक्स सेवेन्स टीम के पूर्व कप्तान भी हैं।

Point of View

समर्पण और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह न केवल व्यक्तिगत प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि हमें यह भी याद दिलाता है कि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

जावेद हुसैन कौन हैं?
जावेद हुसैन एक रग्बी खिलाड़ी हैं, जो वर्तमान में रग्बी प्रीमियर लीग में 'हैदराबाद हीरोज' के लिए खेलते हैं।
जावेद की कहानी क्या है?
जावेद ने गरीबी में पले-बढ़े और कठिनाईयों के बावजूद 'आरपीएल' में सफलता हासिल की।
जावेद को किस चीज़ ने प्रेरित किया?
जावेद को अपने कोच द्वारा 'बिस्किट' का लालच देकर रग्बी खेलने के लिए प्रेरित किया गया।
वह किस टीम के लिए खेलते हैं?
वह वर्तमान में रग्बी प्रीमियर लीग में 'हैदराबाद हीरोज' के लिए खेलते हैं।
क्या जावेद का कोई विशेष कोच है?
हाँ, जावेद डीजे फोर्ब्स जैसे विश्व स्तरीय कोच से ट्रेनिंग ले रहे हैं।