क्या बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने आरसीबी को जिम्मेदार ठहराया?

सारांश
Key Takeaways
- आरसीबी प्रबंधन की जिम्मेदारी
- कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में खामियाँ
- 3 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़
- घटना में गंभीर सुरक्षा मुद्दे
- भविष्य के आयोजनों के लिए सबक
बेंगलुरु, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के सम्मान समारोह के दौरान हुई भगदड़ के मामले में कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इस जांच रिपोर्ट में इस घटना का दोष आरसीबी प्रबंधन पर डाला गया है।
कर्नाटक सरकार ने रिपोर्ट में गंभीर खामियों और कुप्रबंधन की ओर इशारा किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कार्यक्रम के आयोजक, डीएनए ने 2009 के सिटी ऑर्डर के अनुसार औपचारिक अनुमति लिए बिना ही पुलिस को 3 जून को विक्ट्री परेड के बारे में सूचित किया। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस ने अनुमति देने से इंकार कर दिया।
इसके बावजूद, आरसीबी ने कार्यक्रम का व्यापक प्रचार किया। 4 जून को, उन्होंने सोशल मीडिया पर खुलकर निमंत्रण साझा किए, जिसमें विराट कोहली की एक वीडियो अपील भी शामिल थी, जिसमें प्रशंसकों को 'फ्री एंट्री' वाले समारोह में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया।
इस कार्यक्रम में 3 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ उमड़ी, जो उम्मीद से कहीं अधिक थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोजन वाले दिन दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर आयोजकों ने अचानक घोषणा कर दी कि स्टेडियम में एंट्री के लिए पास की आवश्यकता होगी। इससे प्रशंसकों में भ्रम और दहशत का माहौल पैदा हो गया।
आरसीबी, डीएनए, और केएससीए प्रभावी समन्वय में विफल रहे। एंट्री गेट्स पर कुप्रबंधन और देरी के कारण भगदड़ मच गई, जिससे सात पुलिसकर्मी घायल हो गए।
आगे की अशांति को रोकने के लिए, पुलिस ने नियंत्रित परिस्थितियों में सीमित कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी।
गौरतलब है कि तीन जून को आरसीबी ने पंजाब किंग्स को मात देकर पहली बार आईपीएल खिताब जीता था, जिसके बाद आरसीबी की विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए।