क्या कोलकाता में ओलंपिक पदक विजेता वेस पेस को दी गई श्रद्धांजलि?

सारांश
Key Takeaways
- वेस पेस का निधन भारतीय हॉकी के लिए एक बड़ी क्षति है।
- उन्होंने 1972 में कांस्य पदक जीता था।
- उनका परिवार खेल जगत में महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है।
- वेस पेस एक डॉक्टर थे और खेल चिकित्सा में योगदान दिया।
- उन्होंने कई खेलों में भाग लिया, जिसमें हॉकी, क्रिकेट, और फुटबॉल शामिल हैं।
कोलकाता, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व ओलंपियन वेस पेस का 14 अगस्त को कोलकाता में निधन हो गया। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शहर के रेड रोड स्थित हॉकी बंगाल मैदान टेंट में रविवार को शोक सभा का आयोजन हुआ।
इस शोक सभा में हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की और पश्चिम बंगाल के मंत्री तथा हॉकी बंगाल के अध्यक्ष सुजीत बोस भी उपस्थित थे। बंगाल की तीन प्रमुख फुटबॉल टीमों, मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब, मोहन बागान और एससी ईस्ट बंगाल ने भी वेस पेस को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि देने वालों में उनके बेटे लिएंडर पेस के साथ-साथ बंगाल हॉकी के कई प्रमुख नाम शामिल थे।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए दिलीप तिर्की ने कहा, "मुझे वेस पेस के निधन पर गहरा दुःख है। उनका हॉकी में अमूल्य योगदान रहा है। हम उनके योगदान को कभी भुला नहीं सकते। मैं उनसे कई बार मिला हूं। 2004 ओलंपिक में वह हॉकी टीम के चिकित्सक रहे। वह लंबे समय तक बिना किसी फीस के भारतीय हॉकी टीम के डॉक्टर रहे हैं। खेल विज्ञान के विकास में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता के बाद वह भारत के पहले खिलाड़ी थे, जो डॉक्टर होने के साथ-साथ ओलंपिक मेडल भी जीते। मुझे उनकी बहुत इज़्ज़त थी। हमारी बातचीत अक्सर होती थी। उनके बेटे लिएंडर पेस के करियर में भी उनका योगदान अद्वितीय रहा है। यह एक ऐसा परिवार है जिसमें पिता-पुत्र दोनों ने ओलंपिक मेडल जीता है।
हॉकी बंगाल के अध्यक्ष सुजीत बोस ने कहा, "वेस पेस का निधन भारतीय हॉकी के लिए एक बड़ी क्षति है। वह एक महान खिलाड़ी थे। उन्होंने ओलंपिक मेडल जीता और हॉकी विश्व कप में भी भाग लिया। वह न केवल एक खिलाड़ी बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे।"
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपनी संवेदनाएँ प्रकट की हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, "1972 के ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले डॉ. वेस पेस के निधन से मैं दुःखी हूँ। हॉकी और खेल चिकित्सा में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। लिएंडर पेस, उनके दोस्तों और कोलकाता के उन क्लब्स को मेरी संवेदनाएँ।"
वेस पेस को भारतीय हॉकी के महान खिलाड़ियों में गिना जाता है। वह म्यूनिख ओलंपिक (1972) में हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे। डॉ. वेस पेस का कोलकाता में निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे और पार्किंसन से पीड़ित थे।
डॉ. वेस पेस का जन्म 30 अप्रैल 1945 को गोवा में हुआ था। खेल के क्षेत्र में उन्होंने कई उपलब्धियाँ हासिल कीं और शिक्षा में भी उन्होंने बड़ा नाम कमाया। वह डॉक्टर भी थे और कलकत्ता क्रिकेट एवं फुटबॉल क्लब के अध्यक्ष भी रहे। 1972 में ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल जीतने के अलावा, वह 1971 में हॉकी विश्व कप में ब्रॉन्ज जीतने वाली भारतीय टीम के भी सदस्य रहे।
हॉकी के अलावा, उन्होंने डिवीजनल क्रिकेट, फुटबॉल और रग्बी भी खेला। वह 1996 से 2002 तक भारतीय रग्बी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष रहे।