क्या कृषिका जोशी ने एशियन चैंपियनशिप में नया इतिहास रचा?

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क्या कृषिका जोशी ने एशियन चैंपियनशिप में नया इतिहास रचा?

सारांश

पटियाला की कृषिका जोशी ने एशियन चैंपियनशिप में शॉटगन इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। जानिए उनके संघर्ष और भविष्य की योजनाओं के बारे में!

Key Takeaways

  • कृषिका जोशी ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया।
  • उन्होंने प्रैक्टिस में कठिनाइयों का सामना किया।
  • उनका अगला लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है।
  • पिता का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा है।
  • पटियाला की बेटियाँ हर क्षेत्र में उत्कृष्टता साबित कर रही हैं।

पटियाला, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पटियाला की धरती पर जन्मी और पली-बढ़ी कृषिका जोशी ने अपनी मेहनत, हौसले और जज्बे के साथ इतिहास रच दिया है। कृषिका पंजाब की पहली बेटी बन गईं, जिन्होंने एशियन चैंपियनशिप के शॉटगन इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया।

कृषिका जोशी ने यह उपलब्धि 16वीं एशियन चैंपियनशिप 2025 में हासिल की, जो कजाकिस्तान में 16 अगस्त से 30 अगस्त तक आयोजित हुई थी।

इस प्रतियोगिता में एशिया के कई देशों से निशानेबाजों ने हिस्सा लिया और कड़े मुकाबले के बीच कृषिका ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

सिल्वर मेडल जीतने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कृषिका जोशी ने कहा, "मैं बचपन से ही शूटिंग की प्रैक्टिस कर रही हूं। मुझे इस चैंपियनशिप के बारे में एक महीने पहले ही पता चला था। खराब मौसम के चलते प्रैक्टिस में दिक्कत आ रही थी, लेकिन मैंने अपना बेस्ट दिया और मेडल जीता।"

उन्होंने कहा, "मुझे भारत और पंजाब की ओर से यह मौका मिलने पर गर्व है। मेरा अगला लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है। मैं अपने माता-पिता की वजह से ही इस मुकाम तक पहुंच सकी हूं।"

कृषिका के पिता प्रवेश जोशी एक शूटिंग एकेडमी चलाते हैं। वही उनके कोच भी हैं, जो हर कदम पर बेटी का मार्गदर्शन करते हैं।

प्रवेश जोशी ने कहा, "मुझे अपनी बेटी पर गर्व है, जिसने न सिर्फ हमारे परिवार, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। यह हमारे लिए बड़ी खुशी और प्रेरणा का पल है।"

उन्होंने कहा, "हमारे शूटर्स बहुत प्रैक्टिस कर रहे हैं। कृषिका ने भी खूब प्रैक्टिस की और भगवान ने उनकी सुन ली। मेरी अपील है कि बच्चों को शूटिंग की प्रैक्टिस करनी चाहिए। इसे आप पढ़ाई के साथ जारी रख सकते हैं। आप रोजाना सिर्फ एक घंटे प्रैक्टिस करते हुए देश के लिए पदक जीत सकते हैं।"

कजाकिस्तान से मेडल जीतकर जब कृषिका अपने घर वापस लौटीं, तो करीबियों ने केक काटकर और मुंह मीठा करवाकर उनका स्वागत किया। कृषिका की इस उपलब्धि पर पूरे पटियाला में खुशी का माहौल है। खेल प्रेमियों ने कृषिका को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

पटियाला की धरती ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यहां की बेटियां किसी से कम नहीं। कृषिका का यह कारनामा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। यह दर्शाता है कि अगर समर्पण और मेहनत सही दिशा में हो, तो किसी भी सपने को साकार किया जा सकता है। हमें गर्व है कि हमारे देश की बेटियाँ हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

कृषिका जोशी ने कब एशियन चैंपियनशिप में भाग लिया?
कृषिका जोशी ने 16वीं एशियन चैंपियनशिप 2025 में भाग लिया, जो कजाकिस्तान में 16 अगस्त से 30 अगस्त तक आयोजित हुई थी।
कृषिका का अगला लक्ष्य क्या है?
कृषिका का अगला लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है।
कृषिका के पिता का क्या योगदान है?
कृषिका के पिता प्रवेश जोशी एक शूटिंग एकेडमी चलाते हैं और वह उनकी कोचिंग भी करते हैं।