क्या भारतीय क्रिकेट के चयन पर सवाल उठाना सही है? पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद का बयान
सारांश
Key Takeaways
- भारतीय ए टीम में चयन के फैसले में कोई पक्षपात नहीं होता।
- सरफराज खान का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है, लेकिन चयन के पीछे कई कारण होते हैं।
- राजनीतिक बयानबाजी से क्रिकेट के चयन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण अफ्रीका ए टीम के खिलाफ दो अनाधिकारिक टेस्ट मैचों के लिए ऋषभ पंत की कप्तानी में चुनी गई भारतीय ए टीम में मध्यक्रम के बल्लेबाज सरफराज खान को शामिल नहीं किया गया है। उनके चयन न होने पर राजनीतिक बयानबाजी अपने चरम पर है। इस पर बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा है कि भारतीय टीम के चयन पर सवाल उठाने वालों को भारतीय क्रिकेट की समझ नहीं है।
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में एमएसके प्रसाद ने कहा, "चयन समिति कभी भी किसी खिलाड़ी के धर्म या सामुदायिक पृष्ठभूमि के आधार पर पक्षपात नहीं करती। जो लोग ऐसा सोचते हैं, उन्हें भारतीय क्रिकेट की बिल्कुल समझ नहीं है। सरफराज को भूल जाइए, आम तौर पर, जब कोई खिलाड़ी चुना जाता है, तो आप समुदाय, क्षेत्रवाद या दूसरी बातों पर बात नहीं करते। लेकिन ये सारी बातें सिर्फ तभी क्यों सामने आती हैं जब किसी को टीम से बाहर किया जाता है? हम सभी जानते हैं कि सरफराज खान ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है। चयनकर्ता उनका चयन न होने की वजह बता सकते हैं।"
एमएसके प्रसाद २०१६ से २०२० तक बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता रहे थे।
सरफराज खान को भारतीय ए टीम में जगह न मिलने के बाद कांग्रेस की प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने एक्स पर पोस्ट करते हुए उनके उपनाम का मुद्दा उठाया और इसके लिए मुख्य कोच गौतम गंभीर को भी दोषी ठहराया था।
शमा मोहम्मद ने एक्स पर लिखा, "क्या सरफराज खान को उनके उपनाम के कारण नहीं चुना गया है? बस पूछ रही हूं। हम जानते हैं कि गौतम गंभीर इस मामले में क्या सोचते हैं।" शमा की इस पोस्ट के बाद सरफराज खान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी चल रही है।