क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' की तुलना क्रिकेट मैच से नहीं होनी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर का महत्व और शहीदों की गरिमा
- क्रिकेट और आतंकवाद का संबंध
- भाजपा का दिखावा राष्ट्रवाद
- एकनाथ शिंदे का राजनीतिक दृष्टिकोण
- कांग्रेस का संवेदनशीलता पर जोर
मुंबई, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप के बाद रविवार को महिला विश्व कप में भारत और पाकिस्तान का मैच कोलंबो में होने जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि भारत-पाकिस्तान की बातचीत और क्रिकेट जैसे आयोजनों से पाकिस्तान की ताकत में कोई कमी नहीं आ रही है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में सचिन सावंत ने कहा, "भाजपा केवल दिखावे का राष्ट्रवाद कर रही है। भाजपा का कोई भी कदम पाकिस्तान को कमजोर नहीं कर पा रहा है। पाकिस्तान सऊदी अरब के साथ समझौते, यूनाइटेड नेशंस की आतंकवाद विरोधी समिति की अध्यक्षता और आईएमएफ लोन के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो रहा है। उसकी सेना और नेताओं के अमेरिका के साथ रिश्ते भी मजबूत हो रहे हैं। भारत-पाकिस्तान के मैच होते हैं। भाजपा केवल दिखावा कर रही है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, आतंक और क्रिकेट साथ-साथ नहीं चल सकते।"
सचिन सावंत ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री द्वारा क्रिकेट मैच की तुलना ऑपरेशन सिंदूर से करना बेहद असंवेदनशील है। इस ऑपरेशन में आतंकियों से लड़ाई में कई सैनिक शहीद हुए थे और यह देश की सुरक्षा और बलिदान का प्रतीक था। ऐसे संघर्ष, जिसमें जवानों ने जान दी, उसकी तुलना खेल से करना शहीदों का अपमान है। प्रधानमंत्री को अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। यह प्रधानमंत्री जैसे उच्च पद की शोभा को कम करता है। यह एक संवेदनशील विषय है, जिस पर उन्हें जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।"
सचिन सावंत ने महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा, "एकनाथ शिंदे ने संगठन की स्थापना बाला साहेब ठाकरे के विचारों का हवाला देकर की, लेकिन सभी जानते हैं कि उन्होंने दिल्ली जाकर अमित शाह से बार-बार मुलाकात कर समर्थन मांगा। शिंदे गुट की कोई विचारधारा नहीं है, उन्होंने अचानक सूरत और गुवाहाटी तक यात्रा की, जिसके पीछे की मंशा सबको पता है। उनकी पार्टी मोदी-शाह के आशीर्वाद पर टिकी है।"