क्या भविष्य में 'राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक' का लाभ खेल जगत को मिलेगा? - कल्याण चौबे

सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक का पारित होना भारतीय खेलों के लिए अहम है।
- यह विधेयक महिला खिलाड़ियों को प्रशासन में शामिल होने का अवसर देगा।
- बीसीसीआई भी इस विधेयक के दायरे में आएगा।
- इससे खेलों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
- भारत क्रिकेट में विश्व में अग्रणी है।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2025 अब राज्यसभा में भी पारित हो गया है, जिससे ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष कल्याण चौबे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनका मानना है कि भविष्य में इसका भारतीय खेल जगत को बड़ा लाभ मिलेगा।
कल्याण चौबे ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "स्पोर्ट्स गर्वनेंस एक्ट भारतीय खेल जगत के लिए अत्यंत आवश्यक है। हमारे देश में हर खेल संगठन में सैंकड़ों मामले चल रहे हैं। मुकदमेबाजी में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। मुझे लगता है कि इससे वह धन बचेगा, जिसे खेल में निवेश किया जा सकेगा।"
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी हमेशा महिलाओं की समान भागीदारी की बात करते हैं। इस कमेटी में चार महिलाएं शामिल होंगी, जिनमें दो विशेष योग्यता वाली खिलाड़ी होंगी। दो एथलीट कमीशन से आएंगे। मुझे लगता है कि यह महिला खिलाड़ियों के लिए एक बेहद अच्छा अवसर है। वे प्रशासन के साथ जुड़ सकती हैं।"
कल्याण चौबे ने बताया, "इस विधेयक के पारित होने से पहले सभी फेडरेशन के साथ खेल मंत्री मनसुख मांडविया की बैठक हुई। कई मुद्दों पर चर्चा की गई। हमने अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए। लगभग 700 से अधिक लोगों ने इस पर अपनी राय दी थी। यह बिल सामूहिक प्रयास से तैयार किया गया है। मुझे विश्वास है कि इसका भविष्य में भारतीय खेल जगत को लाभ होगा।"
राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का उद्देश्य भारत में विभिन्न खेल प्रशासकों को विनियमित करना है। नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड (एनएसबी) सभी खेल महासंघों की देखरेख करेगा, जिसमें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भी शामिल है।
कल्याण चौबे ने कहा, "ओलंपिक और एशियन गेम्स में क्रिकेट को भी जोड़ा गया है। दुनिया भर में क्रिकेट की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। भारत इस खेल में विश्व में अग्रणी है। मुझे लगता है कि बीसीसीआई का इसमें शामिल होना खेल और क्रिकेट के लिए एक सकारात्मक पहल है।"