क्या ऋषभ पंत अपनी चोट का फायदा उठा रहे हैं? पूर्व इंग्लैंड क्रिकेटर डेविड लॉयड का दावा

सारांश
Key Takeaways
- डेविड लॉयड ने ऋषभ पंत की चोट पर विवादित टिप्पणी की।
- पंत ने मैनचेस्टर टेस्ट में 54 रन बनाए।
- चोट के मामलों में विकल्प खिलाड़ियों की अनुमति पर बहस हो रही है।
- खिलाड़ियों की चोट की गंभीरता को समझना आवश्यक है।
- खेल में प्रतिस्पर्धा और खिलाड़ी की सुरक्षा के बीच संतुलन होना चाहिए।
नई दिल्ली, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड लॉयड ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे चौथे टेस्ट मैच के दौरान ऋषभ पंत की चोट को लेकर एक विवादित बयान देकर नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने एक शो में कहा कि कुछ लोगों का मानना था कि पंत की चोट इतनी गंभीर नहीं थी और वह इसका लाभ उठा रहे थे।
मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन, ऋषभ पंत ३७ रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, जब क्रिस वोक्स की एक यॉर्कर को रिवर्स स्वीप करने के प्रयास में उनके दाहिने पैर के अंगूठे में चोट लगी, जिसके बाद स्कैन में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई। इसके बावजूद पंत ने हिम्मत दिखाई और शार्दुल ठाकुर के आउट होने के बाद दूसरे दिन बल्लेबाजी के लिए लौट आए।
उन्होंने ५४ रन की शानदार पारी खेली, जिसकी मैनचेस्टर में बहुत प्रशंसा हुई। लेकिन, डेविड लॉयड ने विवादास्पद बयान दिया कि ओल्ड ट्रैफर्ड के 'लीजेंड्स लाउंज' में कुछ लोगों की राय थी कि पंत अपनी चोट का फायदा उठा रहे थे और उन्हें टाइम आउट कर देना चाहिए था।
डेविड लॉयड ने कहा कि वहां मौजूद लोगों का आम मानना था कि ऋषभ पंत अपनी चोट का लाभ उठा रहे थे। उनके अनुसार, कुछ लोगों का यह भी मानना था कि पंत की चोट इतनी गंभीर नहीं थी।
ऋषभ पंत की चोट ने टेस्ट क्रिकेट में चोटिल खिलाड़ियों के लिए विकल्प की अनुमति देने की बहस को फिर से शुरू कर दिया है। इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी का मानना है कि टीमों को वैकल्पिक खिलाड़ी लाने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह रनर के उपयोग के खिलाफ हैं, लेकिन फ्रैक्चर के मामलों में विकल्प की अनुमति का समर्थन करते हैं। उनका तर्क था कि यदि चोट चिकित्सकीय रूप से गंभीर है, जैसे कि पंत के अंगूठे का फ्रैक्चर, जिसमें खिलाड़ी छह हफ्तों तक फिट नहीं हो सकता, तो टीम को समान भूमिका वाले विकल्प खिलाड़ी लाने की अनुमति मिलनी चाहिए। हालांकि, लॉयड ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नियम सावधानी से लागू करना होगा ताकि टीमें इसका दुरुपयोग न करें, जैसे कि बल्लेबाज की जगह स्पिनर को लाना।