क्या ललित उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लिया?

सारांश
Key Takeaways
- ललित उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लिया।
- उन्होंने दो बार ओलंपिक मेडल जीते हैं।
- उनकी यात्रा कई चुनौतियों और सफलताओं से भरी रही।
- उन्हें अर्जुन अवॉर्ड और लक्ष्मण पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
- उन्होंने 2020 और 2024 ओलंपिक में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत को हॉकी में दो बार ओलंपिक मेडल दिलाने वाले ललित उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से अपने संन्यास का ऐलान किया है।
ललित उपाध्याय ने अपने इंस्टाग्राम पर संन्यास की घोषणा करते हुए लिखा, "मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी से अपने संन्यास की घोषणा करता हूं। यह यात्रा एक छोटे से गांव से शुरू हुई, जहां सीमित संसाधन थे, लेकिन सपने असीम थे। एक स्टिंग ऑपरेशन का सामना करने से लेकर ओलंपिक पोडियम पर खड़े होने तक, यह एक बार नहीं, बल्कि दो बार चुनौतियों, विकास और अविस्मरणीय गौरव से भरा रास्ता रहा है।"
उन्होंने आगे लिखा, "26 साल बाद अपने शहर से ओलंपियन बनना कुछ ऐसा है, जिसे मैं हमेशा सम्मान और कृतज्ञता के साथ संजोए रखूंगा। मैं अपने परिवार का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने जिंदगी के हर एक पड़ाव पर मेरा साथ दिया।"
ललित उपाध्याय ने अपने इमोशनल मैसेज के अंत में लिखा, "मैं अपने पहले कोच परमानंद मिश्रा का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे हॉकी से परिचित कराया। हरिंदर सर, जिन्होंने मुझे एयर इंडिया में चुनकर मेरा पहला ब्रेक दिया। समीर भाई और धनराज सर का आभारी हूं, जिन्होंने उस दौरान देखभाल और विश्वास के साथ मेरा मार्गदर्शन किया। मुझे भारत की जर्सी पहनने का अवसर देने के लिए हॉकी इंडिया का धन्यवाद। मुझ पर विश्वास करने वाले और इस अविश्वसनीय यात्रा में मेरे साथ चलने वाले सभी लोगों का धन्यवाद।"
साल 2014 में सीनियर नेशनल टीम की ओर से डेब्यू करने वाले 31 वर्षीय ललित उपाध्याय अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित हैं। साल 2017 में लक्ष्मण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
ललित ने संन्यास की घोषणा एफआईएच प्रो लीग सीजन के समापन के तुरंत बाद की है। उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला 15 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
वाराणसी के रहने वाले ललित उपाध्याय 2020 टोक्यो ओलंपिक में बतौर फॉरवर्ड प्लेयर भारत को ब्रॉन्ज मेडल जिताने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। इसके बाद उन्होंने 2024 ओलंपिक में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।