क्या मुरैना के लाल ने पैरा आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए मेडल जीता?

सारांश
Key Takeaways
- निरंजन सिंह ने कांस्य पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया।
- उन्होंने कठिनाईयों के बावजूद सफलता हासिल की।
- उनके संघर्ष और मेहनत से युवाओं को प्रेरणा मिलती है।
- गोल्ड मेडल जीतने का सपना रखते हैं।
- परिवार का समर्थन महत्वपूर्ण है।
मुरैना, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। टीकरी गांव के निरंजन सिंह, जिन्हें रिंकू कंषाना के नाम से जाना जाता है, ने भारत का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है। रिंकू ने बुल्गारिया के अलबेना में आयोजित 27वीं अंतरराष्ट्रीय पैरा आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता, जिससे न केवल मुरैना का, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ा है।
इस प्रतियोगिता में 58 देशों के खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा में शामिल हुए, और निरंजन सिंह ने अपने अदम्य साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
निरंजन सिंह ने बताया, "मेरा परिवार हमेशा मेरे साथ खड़ा रहा है। मैं भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करने की इच्छा रखता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने जिला स्तर से शुरूआत की थी और अब मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीत चुका हूं। मैं अगले साल गोल्ड मेडल के लिए पूरी मेहनत करूंगा। अगली वर्ल्ड चैंपियनशिप भारत में होगी और मुझे इस बार गोल्ड न जीतने का बहुत दुःख है।"
यह पदक केवल एक पुरस्कार नहीं है; यह निरंजन सिंह के संघर्ष और मेहनत का प्रतीक है। उन्होंने अपने कठिन परिश्रम से इसे अर्जित किया है और उन्हें प्रशासन एवं स्पॉन्सर का पूरा सहयोग मिला है।
टीकरी के इस सपूत ने साबित कर दिया है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण हों, अगर मन में जज़्बा और दिल में जुनून हो, तो कोई भी शक्ति सफलता के मार्ग में बाधा नहीं बन सकती।
आज पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। हर गांव और कस्बे में निरंजन सिंह की उपलब्धि पर गर्व महसूस किया जा रहा है। उनकी यह सफलता युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, यह दर्शाती है कि मेहनत और संघर्ष से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है।