क्या नंदू नाटेकर भारत के बैडमिंटन कोर्ट का 'किंग' है जो पहले इंटरनेशनल खिताब का विजेता बना?

Click to start listening
क्या नंदू नाटेकर भारत के बैडमिंटन कोर्ट का 'किंग' है जो पहले इंटरनेशनल खिताब का विजेता बना?

सारांश

नंदू नाटेकर, भारतीय बैडमिंटन का एक अद्वितीय नाम, जिन्होंने भारत को पहला इंटरनेशनल खिताब दिलाया। उनके करियर की उपलब्धियों और प्रेरणादायक यात्रा को जानें।

Key Takeaways

  • नंदू नाटेकर का जन्म 12 मई 1933 को हुआ।
  • वे पहले भारतीय शटलर हैं जिन्होंने इंटरनेशनल खिताब जीता।
  • 17 बार के नेशनल चैंपियन रहे।
  • 1961 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हुए।
  • उनका बेटा गौरव नाटेकर भी टेनिस में सक्रिय हैं।

नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नंदू नाटेकर भारत के प्रमुख और सबसे प्रतिष्ठित बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं, जिन्हें भारतीय बैडमिंटन कोर्ट का 'किंग' कहा गया। उनके उत्कृष्ट खेल कौशल, तेज़ रिफ्लेक्स और तकनीकी विशेषज्ञता के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है, जिन्होंने भारत में बैडमिंटन को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नंदू नाटेकर का जन्म 12 मई 1933 को सांगली में हुआ था। वे पहले भारतीय शटलर हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता, यह उपलब्धि उन्हें 1956 में 'सेलांगर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट' में मिली। अपने करियर के दौरान, नाटेकर 'वर्ल्ड नंबर 3' की रैंकिंग तक पहुँचे।

उन्होंने 1951 से 1963 के बीच थॉमस कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहते हुए 16 में से 12 सिंगल्स और 16 में से 8 डबल्स मैच जीते।

नंदू नाटेकर 17 बार के नेशनल चैंपियन रहे हैं। उन्होंने सिक्स सिंगल्स (1953, 1954, 1958, 1960, 1961 और 1965), सिक्स डबल्स (1955, 1956, 1958, 1960, 1961 और 1963) और फाइव मिक्स्ड डबल्स (1953, 1954, 1961, 1966 और 1970) चैंपियनशिप जीतीं। 1961 में तीनों खिताब जीतने का अनोखा गौरव भी नाटेकर के पास है।

वे राष्ट्रीय चैंपियनशिप में यह अनोखी उपलब्धि हासिल करने वाले एकमात्र भारतीय पुरुष हैं। प्रकाश पादुकोण (9 खिताब) और सैयद मोदी (8 खिताब) उनके बाद आते हैं। उन्होंने 1965 में जमैका में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया।

नंदू नाटेकर का बैडमिंटन करियर 15 वर्षों से अधिक चला। इस दौरान उन्होंने 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते। 1961 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

नंदू नाटेकर भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा बने और भारत को अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन मंच पर पहचान दिलाने में मदद की। उनके बेटे गौरव नाटेकर, जो टेनिस के खिलाड़ी हैं, ने भी डेविस कप में देश का प्रतिनिधित्व किया।

28 जुलाई 2021 को 88 वर्ष

Point of View

बल्कि यह हमारे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत था। उनका योगदान भारत को बैडमिंटन के अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण रहा। उनकी उपलब्धियाँ हमें यह सिखाती हैं कि मेहनत और समर्पण से किसी भी क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

नंदू नाटेकर ने कब और कहाँ जन्म लिया?
नंदू नाटेकर का जन्म 12 मई 1933 को सांगली में हुआ था।
नंदू नाटेकर ने भारत को पहला इंटरनेशनल खिताब कब दिलाया?
उन्होंने 1956 में सेलांगर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत को पहला इंटरनेशनल खिताब दिलाया।
नंदू नाटेकर कितनी बार नेशनल चैंपियन बने?
वे 17 बार नेशनल चैंपियन बने।
नंदू नाटेकर की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या हैं?
उनकी प्रमुख उपलब्धियों में 12 सिंगल्स और 8 डबल्स मैच जीतना शामिल है।
उन्होंने कब अलविदा कहा?
नंदू नाटेकर ने 28 जुलाई 2021 को इस दुनिया को अलविदा कहा।