क्या 'टीम के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा' कहकर नितीश कुमार रेड्डी ने एसआरएच छोड़ने की खबरों का खंडन किया?

सारांश
Key Takeaways
- नितीश कुमार रेड्डी ने अपनी टीम के साथ विश्वास और सम्मान का रिश्ता बताया।
- उन्होंने कानूनी मामले में फंसे होने की भी जानकारी दी।
- उनका प्रदर्शन इस साल आईपीएल में औसत रहा है।
- वह टैलेंट मैनेजमेंट विवाद में भी शामिल हैं।
- रेड्डी का भविष्य अब भी अनिश्चित है।
नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी के बारे में चर्चाएँ चल रही थीं कि वह आईपीएल में अपनी मौजूदा टीम सनराइजर्स हैदराबाद को छोड़कर अगले सीजन में किसी अन्य टीम के साथ खेल सकते हैं। नितीश ने इस जानकारी का खंडन किया है।
खबरें थीं कि एसआरएच में चौथे स्थान पर खुद की जगह हेनरिक क्लासेन को अवसर देने के निर्णय से नितीश असंतुष्ट हैं और टीम छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
नितीश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मैं शोर-शराबे से दूर रहना पसंद करता हूं, लेकिन कुछ बातें स्पष्ट होनी चाहिए। एसआरएच के साथ मेरा संबंध विश्वास, सम्मान और वर्षों का साझा जुनून है। मैं हमेशा इस टीम के साथ खड़ा रहूंगा।"
आईपीएल 2025 की मेगा नीलामी से पहले, एसआरएच ने छह करोड़ रुपए में रेड्डी को रिटेन किया था। यह निर्णय उनके आईपीएल 2024 में 13 मैचों में 303 रन बनाने और तीन विकेट लेने के प्रदर्शन के आधार पर लिया गया। इसी प्रदर्शन के बाद उन्हें भारत की टी20 टीम में भी स्थान मिला था।
रेड्डी आईपीएल 2025 में प्रभावशाली प्रदर्शन करने में असफल रहे थे। 13 मैचों में उन्होंने केवल 182 रन बनाए। हाल ही में इंजरी से उबरने के कारण उन्हें गेंदबाजी के अधिक अवसर नहीं मिले।
नितीश रेड्डी को बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के बाद इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में स्थान मिला था। इंग्लैंड के खिलाफ, उन्होंने श्रृंखला का दूसरा और तीसरा टेस्ट खेला, लेकिन उनका प्रदर्शन साधारण रहा। चौथे टेस्ट से पहले वह इंजर्ड होकर श्रृंखला से बाहर हो गए। वह भारत लौट चुके हैं।
नितीश इंजरी के साथ-साथ कानूनी मामलों में भी फंसे हैं। उनकी पूर्व टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी स्क्वायर द वन ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 11(6) के तहत 5 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने के लिए उनके खिलाफ याचिका दायर की है। रेड्डी पर प्रबंधन समझौते का उल्लंघन करने और बकाया राशि का भुगतान न करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी।