क्या ओडिशा से और खिलाड़ी भविष्य में ब्लाइंड महिला टीम में शामिल होंगे?
सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा की चार आदिवासी लड़कियों ने टीम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए 2017 से प्रयास जारी हैं।
- सरकार की मदद से खिलाड़ियों को नौकरी और सम्मान राशि मिली है।
- भविष्य में ओडिशा से और भी ब्लाइंड क्रिकेटर निकल सकते हैं।
भुवनेश्वर, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के दृष्टिहीन क्रिकेट एसोसिएशन (सीएवीआई) के अध्यक्ष मो. जफर इकबाल ने भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम को पहला टी20 विश्व कप जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा किए गए प्रयासों में हमारी लड़कियां पूरी तरह से खड़ी उतरी हैं, और उन्होंने श्रीलंका से विश्व कप जीतकर वापसी की है। इससे हम बेहद खुश हैं। इकबाल ने ओडिशा की उन खिलाड़ियों पर गर्व जताया, जिन्होंने टीम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेषकर चार आदिवासी लड़कियों के प्रदर्शन को।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए जफर इकबाल ने कहा, "मुझे इस बात की विशेष खुशी है कि चैंपियन टीम में ओडिशा की चार लड़कियां शामिल हैं। हम 2017 से ओडिशा में महिला क्रिकेट को मजबूत करने का संकल्प ले चुके थे। हमने स्कूलों में जाकर बच्चियों का चयन किया और उन्हें प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया। उस समय माता-पिता तैयार नहीं थे। दृष्टिहीनता और लड़की होने के कारण माता-पिता सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। काफी समझाने के बाद सभी राजी हुए। वर्तमान में लड़कियां आगे आ रही हैं।"
उन्होंने कहा कि पहली बार 2023 में भारतीय टीम का गठन हुआ था, जिसमें ओडिशा की चार लड़कियां थीं। इंग्लैंड में पुरुष और महिला दोनों टीमें गई थीं। महिला टीम ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि पुरुष टीम ने रजत पदक जीता। मुझे गर्व है कि मैं उस टीम का हिस्सा था। उसी समय से महिला ब्लाइंड टीम के उत्थान की प्रक्रिया शुरू हुई। लोगों में टीम के प्रति विश्वास जागा।
जफर इकबाल ने कहा, "ओडिशा की पूर्व और वर्तमान सरकार हमेशा से ब्लाइंड क्रिकेट के लिए सहायक रही है। 2023 में स्वर्ण पदक जीतने वाली लड़कियों के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 20-20 लाख रुपये की सम्मान राशि दी थी। सिल्वर मेडल जीतने वाले हमारे तीन लड़कों को 15-15 लाख रुपये मिले थे। ओडिशा सरकार ने नौकरी भी प्रदान की है। सरकार ने 15 खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटा में नौकरी दी है, जिसमें 11 लड़के और 4 लड़कियां शामिल हैं। इतने क्रिकेटरों को नौकरी देने वाला ओडिशा पहला राज्य है। नौकरी मिलने के बाद क्रिकेट में रुचि बढ़ी है।"
उन्होंने कहा, "खिलाड़ियों के पास अभ्यास के लिए स्टेडियम की सुविधा नहीं है। इसके लिए विशेष स्थान पर एकत्रित होना पड़ता है। ऐसे में हम सभी खिलाड़ियों से आग्रह करते हैं कि वे अपनी फिटनेस बनाए रखें। विश्व कप में भारत की जीत के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री ने दृष्टिहीन क्रिकेटरों के लिए राज्य में एकेडमी बनाने का आश्वासन दिया है। यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। मुझे विश्वास है कि एकेडमी बनने के बाद ओडिशा से कई ब्लाइंड क्रिकेटर निकलेंगे।"