क्या पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने यूएई मैच से पहले प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया?

सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है।
- यूएई के खिलाफ मैच में आईसीसी ने देरी से शुरुआत की।
- वीडियो रिकॉर्डिंग पर आईसीसी ने आपत्ति जताई।
- पाइक्रॉफ्ट को मामले से बरी कर दिया गया।
- पीसीबी की मांग को आईसीसी ने खारिज कर दिया।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईसीसी)। एशिया कप 2025 में पाकिस्तान ने अपना अंतिम लीग मैच यूएई के खिलाफ 17 सितंबर को खेला। इस मैच से पहले, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट और 'नो हैंडशेक' विवाद को उठाया, जिसके चलते मैच 1 घंटे की देरी से शुरू हुआ। आईसीसी ने पीसीबी की इस कार्यवाही को प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना है।
यूएई के खिलाफ मैच से पहले, पीसीबी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट और पाकिस्तानी टीम प्रबंधन के बीच बातचीत दिखाई गई। पीसीबी ने इस वीडियो के माध्यम से दावा किया कि पाइक्रॉफ्ट ने 'नो हैंडशेक' विवाद के लिए माफी मांगी। आईसीसी ने इस वीडियो को रिकॉर्ड करने और साझा करने पर आपत्ति जताई है।
ईएसपीएन के अनुसार, पीसीबी को आईसीसी के सीईओ संजोग गुप्ता ने वीडियो रिकॉर्डिंग के मामले में एक ईमेल भेजा। इस ईमेल में वे बताते हैं कि खिलाड़ियों और अधिकारियों के क्षेत्र में मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए बातचीत की रिकॉर्डिंग करना प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।
बैठक में पाइक्रॉफ्ट के साथ पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा, मुख्य कोच माइक हेसन, टीम मैनेजर नवीद अकरम चीमा और मीडिया मैनेजर नईम गिलानी तथा आईसीसी के क्रिकेट महाप्रबंधक वसीम खान भी उपस्थित थे। जब गिलानी ने बैठक का वीडियो बनाने की कोशिश की, तो उन्हें बताया गया कि भ्रष्टाचार विरोधी संहिता के अनुसार मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है। पीसीबी वीडियो बनाने पर अड़ा रहा, और कहा कि बिना रिकॉर्डिंग के वे मैच नहीं खेलेंगे। इसके बाद गिलानी को बिना ऑडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति दी गई।
गुप्ता ने ईमेल में वीडियो रिकॉर्डिंग को गलत करार दिया और कहा कि पीसीबी ने कई प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है।
बैठक में, पाइक्रॉफ्ट ने पाकिस्तान टीम प्रबंधन को बताया कि वह 'नो हैंडशेक' संबंधी निर्देश का संप्रेषक था। गलतफहमी से उन्हें निर्देश देने वाला समझा गया। बैठक के बाद, पीसीबी ने पाइक्रॉफ्ट द्वारा माफी मांगने का बयान जारी किया, जो आईसीसी को नागवार गुजरा।
पीसीबी का कहना था कि पाइक्रॉफ्ट ने आचार संहिता और एमसीसी की क्रिकेट भावना का उल्लंघन किया, जब उन्होंने आगा को सूर्यकुमार से हाथ न मिलाने का निर्देश दिया। आईसीसी ने इस घटना की जांच की और पाइक्रॉफ्ट को मामले से बरी कर दिया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाइक्रॉफ्ट को एशिया कप से बाहर करने की मांग की थी, जिसे आईसीसी ने भी खारिज कर दिया। पाकिस्तान-यूएई मैच में पाइक्रॉफ्ट ही रेफरी थे।