क्या पर्थ में 'फ्लॉप' रहे रोहित-कोहली? बल्लेबाजी कोच ने किस तरह से किया सपोर्ट?

सारांश
Key Takeaways
- रोहित और कोहली ने निराशाजनक प्रदर्शन किया।
- मौसम ने खेल को प्रभावित किया।
- कोच सितांशु कोटक ने खिलाड़ियों का समर्थन किया।
- इन दोनों खिलाड़ियों ने टीम में वापसी की थी।
- भारत को डकवर्थ लुईस नियम के तहत हार का सामना करना पड़ा।
एडिलेड, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने विराट कोहली और रोहित शर्मा का समर्थन किया है, जिन्होंने पर्थ में खेले गए पहले वनडे मैच में निराशाजनक प्रदर्शन किया था। कोटक का मानना है कि 'रो-को' ने सीरीज के लिए पूरी तैयारी की थी, लेकिन मौसम ने खेल बिगाड़ दिया।
सितांशु कोटक के अनुसार, पर्थ में मौसम की स्थिति बल्लेबाजों के लय हासिल करने में संघर्ष करने का एक प्रमुख कारण थी, जिससे खिलाड़ियों को कई बार मैदान से बाहर जाना पड़ा।
विराट कोहली और रोहित शर्मा ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के समापन के बाद पहली बार टीम इंडिया में वापसी की, लेकिन फैंस को निराश कर दिया। पर्थ में रोहित ने 14 गेंदों में 8 रन बनाए, जबकि विराट कोहली 8 गेंदों में खाता तक नहीं खोल सके।
बारिश से प्रभावित इस मैच में भारत को डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
सितांशु कोटक ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, "रोहित-कोहली काफी अनुभवी हैं। मुझे लगता है कि मौसम की वजह से ऐसा हुआ। अगर ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाजी करने उतरता, तो भी स्थिति ऐसी ही होती। जब चार-पांच बार रुकावट आती है और हर दो ओवर में आप अंदर जाकर मैदान पर वापस आते हैं, तो यह आसान नहीं होता।"
बल्लेबाजी कोच ने रोहित शर्मा और विराट कोहली के बारे में कहा, "ऑस्ट्रेलिया आने से पहले, उन्होंने पूरी तैयारी की थी। मुझे लगता है कि अभी उनके बारे में किसी तरह की राय बनाना जल्दबाजी होगी। उन्होंने अभी-अभी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है। वे अभी भी आईपीएल खेल रहे हैं। हमें उनकी तैयारियों और उनकी फिटनेस की स्थिति के बारे में अच्छी तरह पता है। वे राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी भी जाते हैं। वे वहां क्या कर रहे हैं, जाहिर है, मैं उन्हें देखता हूं।"
उन्होंने कहा, "ऐसे वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ, अगर आवश्यकता न हो तो आप हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे। यदि वे सही काम कर रहे हैं और आप फिर भी हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह सही तरीका नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि दोनों के पास काफी अनुभव है। ऑस्ट्रेलिया आने से पहले उनके पास तैयारी के लिए समय था और उन्होंने ऐसा किया भी।"