क्या पीयूष चावला भारतीय क्रिकेट का 'लकी चार्म' हैं? 35 मैच खेले और 2 विश्व कप जीते

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क्या पीयूष चावला भारतीय क्रिकेट का 'लकी चार्म' हैं? 35 मैच खेले और 2 विश्व कप जीते

सारांश

क्या आप जानते हैं कि पीयूष चावला भारत के लिए 35 मैचों में खेलकर दो विश्व कप जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं? जानें उनके करियर की खास बातें और उन्हें क्यों कहा जाता है भारतीय क्रिकेट का लकी चार्म

Key Takeaways

  • पीयूष चावला ने 35 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए दो विश्व कप जीते हैं।
  • उन्हें 2006 में टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय टीम में चयनित किया गया।
  • 2007 का टी20 विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे।
  • आईपीएल में 192 मैचों में 192 विकेट हासिल किए।
  • उनका संन्यास 6 जून 2025 को हुआ।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम में सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे खिलाड़ी हुए हैं जिनका करियर एक दशक से भी ज्यादा लंबा था। इस दौरान इन क्रिकेटरों ने सैकड़ों मैच खेले, लेकिन उन्हें कभी विश्व कप की ट्रॉफी उठाने का मौका नहीं मिला। लेग स्पिनर पीयूष चावला ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीनों फॉर्मेट मिलाकर कुल 35 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और इस दौरान एक टी20 विश्व कप और एक वनडे विश्व कप उनके खाते में दर्ज है। यही वजह है कि पीयूष को भारतीय क्रिकेट का लकी चार्म कहा जाता है।

24 दिसंबर 1988 को अलीगढ़ में जन्मे पीयूष को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था। वह दाएं हाथ के लेग स्पिनर और बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले पीयूष का 2006 में टेस्ट फॉर्मेट के लिए भारतीय टीम में पहली बार चयन हुआ। उनका डेब्यू मैच इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली में था।

2007 में पहला टी20 विश्व कप खेला गया। भारतीय टीम में पीयूष चावला का चयन हुआ। हरभजन सिंह जैसे दिग्गज स्पिनर की मौजूदगी में पीयूष को टी20 विश्व कप में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन भारतीय टीम ने वो विश्व कप जीता था और पीयूष विश्व विजेता टीम के सदस्य बने।

पीयूष बेशक टी20 विश्व कप 2007 जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे, लेकिन इस फॉर्मेट में डेब्यू उन्होंने 2010 में किया। उन्हें 2007 में वनडे फॉर्मेट में डेब्यू का मौका मिला था।

2007 से 2011 के बीच वह कई बार टीम से अंदर-बाहर हुए, लेकिन 2011 की वनडे विश्व कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम में उन्हें मौका दिया गया। इस बार वह सिर्फ बेंच पर ही नहीं बैठे रहे। उन्हें 3 मैच खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 4 विकेट लिए। भारतीय टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था। बतौर खिलाड़ी पीयूष का यह दूसरा विश्व कप था।

2006 से 2012 के बीच पीयूष चावला को भारतीय टीम में बेहद कम मौके मिले। इस दौरान उन्होंने कुल 35 मैच खेले जिसमें 3 टेस्ट, 25 वनडे और 7 टी20 हैं। टेस्ट में 7, वनडे में 32 और टी20 में 4 विकेट उनके नाम हैं।

पीयूष को आईपीएल में भरपूर मौके मिले। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ लीग में उन्होंने अपनी प्रतिभा भी दिखाई। वह आईपीएल इतिहास के चौथे सबसे सफल गेंदबाज हैं। 2008 से 2024 के बीच 192 मैचों में वह 192 विकेट ले चुके हैं।

6 जून 2025 को पीयूष चावला ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था।

Point of View

मैं मानता हूं कि पीयूष चावला जैसे खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट की पहचान को और मजबूत करते हैं। उनका योगदान न केवल उनके व्यक्तिगत करियर में, बल्कि टीम के सामूहिक सफलता में भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

पीयूष चावला ने कितने विश्व कप जीते हैं?
पीयूष चावला ने एक टी20 विश्व कप और एक वनडे विश्व कप जीते हैं।
पीयूष चावला का जन्म कब हुआ था?
पीयूष चावला का जन्म 24 दिसंबर 1988 को हुआ था।
पीयूष चावला ने किन-किन फॉर्मेट में क्रिकेट खेला है?
पीयूष चावला ने टेस्ट, वनडे और टी20 फॉर्मेट में क्रिकेट खेला है।
आईपीएल में पीयूष चावला का प्रदर्शन कैसा रहा है?
पीयूष चावला आईपीएल इतिहास के चौथे सबसे सफल गेंदबाज हैं।
पीयूष चावला ने कब क्रिकेट से संन्यास लिया?
पीयूष चावला ने 6 जून 2025 को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया।
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