क्या 'आजाद भारत' में महिला रेजिमेंट का दम देखने को मिलेगा? रूपा अय्यर ने फिल्म की विशिष्टताएँ बताई

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क्या 'आजाद भारत' में महिला रेजिमेंट का दम देखने को मिलेगा? रूपा अय्यर ने फिल्म की विशिष्टताएँ बताई

सारांश

इस फिल्म में दर्शकों को आज़ादी के नायकों की अनकही कहानियाँ देखने को मिलेंगी। रूपा अय्यर की यह फिल्म न केवल नेताजी पर केंद्रित है, बल्कि महिला योद्धाओं की अद्भुत गाथाएँ भी पेश करती है, जो हमें हमारे इतिहास में खोई हुई वीरता की याद दिलाएंगी।

Key Takeaways

  • महिला रेजिमेंट की अनकही कहानियाँ
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रेरणा
  • स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान
  • काल्पनिक कहानी जो वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है
  • सभी पात्रों का समान महत्व

मुंबई, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देशभक्ति फिल्मों की परंपरा मनोरंजन जगत में वर्षों से विद्यमान है, लेकिन इस बार निर्देशक रूपा अय्यर 'आजाद भारत' नामक एक ऐसी फिल्म लेकर आ रही हैं, जो भुलाए गए स्वतंत्रता सेनानियों की कहानी को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

निर्देशक रूपा अय्यर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "स्कूल के दिनों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में पढ़कर उनके प्रति मेरे मन में एक विशेष स्थान बना। बाद में आईएनए की कई कहानियाँ और संदेश पढ़ने से मेरी रुचि और बढ़ गई। जब मैंने नीरा आर्या के बारे में जाना, उनकी कहानी ने मुझे खासा प्रभावित किया। मैंने इंटरनेट पर कुछ महत्वपूर्ण चीजें खोजने का प्रयास किया और यहीं से यह यात्रा शुरू हुई।"

निर्देशक ने साझा किया कि उनकी मुलाकात नेताजी की परपोती राजश्री चौधरी से हुई थी, जिसके बाद आईएनए से जुड़े कई नायकों की असली कहानियाँ उनके सामने आईं। उन्होंने कहा, "राजश्री चौधरी से मिलने के बाद मुझे आईएनए से जुड़े माधवन जी, मीनाक्षी अम्मन जी और लक्ष्मी जी की असल कहानियों का पता चला। उस समय मुझे यह स्पष्ट हो गया कि हमें आज की पीढ़ी के लिए हमारे अनसुने नायकों की गाथाएँ पुनः जीवित करनी चाहिए।"

निर्देशक ने कहा, "यह फिल्म केवल नेताजी या नीरा आर्या की कहानी नहीं है, बल्कि इसमें छज्जूराम जी, भगत सिंह जी और कई बहादुर महिला योद्धाओं जैसे सरस्वती राजामणि जी और दुर्गाजी की गाथाएँ भी शामिल हैं, जिन्होंने देश के लिए सब कुछ त्याग किया।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं इनकी कहानियों को लोगों के सामने लाना चाहती थी। इनकी कहानियाँ लिखते समय यह मेरी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई थीं। यह एक वास्तविक घटनाओं से प्रेरित काल्पनिक कहानी है। आईएनए की सम्पूर्ण यात्रा को एक फिल्म में दिखाना कठिन है, पर यह कहानी उस भावना को जीवंत करने की कोशिश करती है।"

इस फिल्म में रूपा ने निर्देशन के साथ-साथ अभिनय भी किया है। उन्होंने फिल्म के बारे में कहा, "नेताजी पर कई फिल्में बनी हैं, लेकिन हमने झांसी रेजिमेंट और महिला योद्धाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने महिलाओं की कठिन ट्रेनिंग, युद्ध कौशल और बिना किसी विशेष मदद के लड़ाई करने की तैयारी को दर्शाया है।"

फिल्म की कास्टिंग के बारे में रूपा ने बताया कि यह किस्मत का खेल था। नेताजी के किरदार के लिए श्रेयस तलपड़े की रूप-रेखा, बॉडी लैंग्वेज और अंदाज पूरी तरह से मेल खाते हैं। सरस्वती राजामणि के लिए ग्लैमर की बजाय वास्तविक उपस्थिति की आवश्यकता थी। फिल्म में कोई हीरो-हीरोइन नहीं, केवल देशभक्त हैं। हर किरदार का योगदान समान है।

Point of View

बल्कि यह आज की पीढ़ी को प्रेरित करने का एक प्रयास भी है। महिला रेजिमेंट की कहानियाँ दर्शाती हैं कि कैसे महिलाएँ भी स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। इस प्रकार की फिल्में हमें अपने अतीत से जोड़ती हैं और हमें अपने नायकों को याद रखने के लिए प्रेरित करती हैं।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

फिल्म 'आजाद भारत' का मुख्य विषय क्या है?
यह फिल्म भूले-बिसरे स्वतंत्रता सेनानियों और महिला रेजिमेंट की कहानियों को उजागर करती है।
निर्देशक रूपा अय्यर ने इस फिल्म के लिए क्या प्रेरणा ली?
रूपा अय्यर ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस और नीरा आर्या की कहानियों से प्रेरणा ली।
क्या इस फिल्म में कोई हीरो-हीरोइन हैं?
इस फिल्म में कोई विशेष हीरो-हीरोइन नहीं हैं, बल्कि सभी पात्र देशभक्त हैं।
फिल्म में कौन-कौन से पात्र हैं?
फिल्म में नेताजी, नीरा आर्या, सरस्वती राजामणि, भगत सिंह और अन्य महिला योद्धाओं की कहानियाँ शामिल हैं।
फिल्म कब रिलीज होगी?
फिल्म की रिलीज तारीख अभी घोषित नहीं की गई है।
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