क्या विश्वनाथन आनंद ने पीएम मोदी को जन्मदिन की शुभकामना दी और एक यादगार किस्सा साझा किया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन है।
- शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने खास यादें साझा की हैं।
- गुजराती थाली का किस्सा एक विशेष बंधन को दर्शाता है।
- पीएम मोदी ने शतरंज ओलंपियाड में मशाल रिले का सुझाव दिया।
- मोदी जी का व्यवहार उन्हें जनता के करीब लाता है।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास अवसर पर शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद ने पीएम मोदी के साथ जुड़ी कुछ यादें सोशल मीडिया पर साझा की हैं।
विश्वनाथन आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "जब मैं अपने शतरंज के सफर पर नजर डालता हूं, तो कई यादें ताजा हो जाती हैं। सिर्फ खेल के बोर्ड से नहीं, बल्कि जीवन के अनुभवों से भी। एक याद गुजरात से जुड़ी है। कई साल पहले, जब मैं अहमदाबाद में नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गया था, तो मेरी आदत थी खुद को गुजराती थाली से पुरस्कार देना। यह मेरे लिए एक अद्वितीय आनंद का क्षण होता था। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन पीएम नरेंद्र मोदी जी इस छोटे से पल को याद करेंगे।"
आनंद ने बताया, "मुझे आज भी वह क्षण याद है, जब एक अनौपचारिक बातचीत में मैंने गुजराती थालियों के प्रति अपनी पसंद का जिक्र किया। यह सुनकर मोदी जी मुस्कुराए और बोले, "अच्छा, तो चलिए।" बिना किसी औपचारिकता के, वह मुझे स्टेट गेस्ट हाउस ले गए, जहां हमने एक स्वादिष्ट गुजराती थाली का आनंद लिया। उन्होंने गर्मजोशी से कहा, "मैं आपको वह सबसे अच्छी थाली खिलाना चाहता हूं, जिसे आप हमेशा याद रखें।" यह मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था। यह याद दिलाता है कि सच्चे नेता केवल बड़े सपनों से ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे क्षणों के माध्यम से भी लोगों से जुड़ते हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे हमेशा जो प्रेरित करता है, वह है उनका संतुलन। एक ओर वह दक्ष, अनुशासित और गहन पेशेवर हैं, जहां उनकी पूरी टीम घड़ी की सटीकता से काम करती है। दूसरी ओर, वह मिलनसार, गर्मजोशी भरे और आमतौर पर प्रसन्नचित्त होते हैं। ऐसे व्यक्ति, जो मजाक करके आपको सहज बना सकते हैं।"
आनंद ने पीएम मोदी से जुड़े एक और वाकये को याद करते हुए लिखा, "मैंने शतरंज की दुनिया में भी उनकी नवीन सोच को देखा है। पीएम मोदी ने ही सुझाव दिया था कि जैसे ओलंपिक में मशाल रिले होती है, वैसे ही शतरंज ओलंपियाड का भी अपना मशाल रिले होना चाहिए। यह एक अनूठा विचार था। पहली बार शतरंज ओलंपियाड में मशाल रिले की परंपरा शुरू हुई। आज यह हमारे खेल की एक प्रमुख पहचान बन चुकी है, जिसे पूरी दुनिया ने अपनाया है।"
उन्होंने कहा, "मेरे लिए, पीएम नरेंद्र मोदी केवल भारत के नेता नहीं, बल्कि दिल और दिमाग दोनों से प्रेरणा देने वाले व्यक्ति हैं। चाहे गुजराती भोजन हो या वैश्विक शतरंज परंपरा, वह विनम्रता, नवाचार और गर्मजोशी के सबक अपने पीछे छोड़ जाते हैं।"