क्या बर्थडे स्पेशल में 'उड़न परी' पीटी उषा ने भारतीय एथलेटिक्स को नई उड़ान दी?

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क्या बर्थडे स्पेशल में 'उड़न परी' पीटी उषा ने भारतीय एथलेटिक्स को नई <b>उड़ान</b> दी?

सारांश

भारत की प्रसिद्ध एथलीट पीटी उषा का जन्म 27 जून 1964 को हुआ। वे भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष हैं और उनके अद्वितीय खेल करियर ने एथलेटिक्स में नई ऊंचाइयों को छुआ है। इस लेख में हम उनके सफर पर एक नज़र डालेंगे।

Key Takeaways

  • पीटी उषा का जन्म 27 जून 1964 को हुआ।
  • उन्होंने 1984 के ओलंपिक में फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनने का गौरव हासिल किया।
  • उन्हें अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
  • वे 2022 में भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष बनीं।
  • पीटी उषा ने 103 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते।

नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। केरल के कुट्टाली गांव में 27 जून 1964 को जन्मीं पिलावुल्लाकांडी थेक्केपारंबिल उषा को भारत की क्वीन ऑफ ट्रैक एंड फील्ड कहा जाता है और वर्तमान में वे भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष हैं।

पीटी उषा ने जब चौथी कक्षा में कदम रखा, तब उन्होंने स्कूल की एक दौड़ में भाग लिया और स्कूल के चैंपियन को हराया, जो उनसे तीन साल बड़ा था।

स्कूल के शिक्षक उनकी गति को देखकर चकित रह गए और इस प्रतिभाशाली बच्ची को स्पोर्ट्स स्कूल के पहले बैच में दाखिला दिलवाया गया, जिसे केरल सरकार ने स्थापित किया था।

पीटी उषा ने अपने खेल करियर में राज्य और राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन किया। मात्र 16 सालओलंपिक का हिस्सा बनीं।

भारत की उड़नपरी पीटी उषा 1980 मॉस्को ओलंपिक में भारतीय दल की सदस्य थीं। चार साल बाद, 1984 एलए ओलंपिक में, उन्होंने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट का खिताब जीता। 400 मीटर बाधा दौड़ में वे चौथे स्थान पर रहीं, बस 0.01 सेकंड से ब्रॉन्ज मेडल चूक गईं।

1986 के सोल एशियन गेम्स में, उन्होंने चार गोल्ड पदक जीते। ये पदक 400 मीटर बाधा दौड़, 400 मीटर दौड़, 200 मीटर और 4x400 मीटर दौड़ में आए। 100 मीटर दौड़ में वे दूसरे स्थान पर रहीं।

इसके बाद, पीटी उषा ने 1988 सोल ओलंपिक में भाग लिया, लेकिन वे अपने पदक के सपने को पूरा नहीं कर सकीं।

साल 1990 में, उन्होंने अपने खेल करियर से संन्यास लेने का घोषणा की। 1991 में, उन्होंने वी श्रीनिवासन से शादी की, और इसके बाद उन्होंने ट्रैक पर वापसी की।

पीटी उषा ने 1994 एशियन गेम्स में 4x400 मीटर रिले में सिल्वर जीता। उनके करियर में एक बार फिर रुकावट साल 1995 में आई, जब उन्हें घुटने1998 एशियन चैंपियनशिप में चार मेडल जीते।

फैंस को उम्मीद थी कि वे 2000 सिडनी ओलंपिक में भाग लेंगी, लेकिन घुटने की समस्या के कारण उन्हें अपने खेल करियर को अलविदा कहना पड़ा। उस समय तक, पीटी उषा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 103 मेडल जीते थे।

उन्हें अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया है।

पीटी उषा को 2022 में निर्विरोध भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष चुना गया, और वे इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला बनीं।

Point of View

बल्कि यह हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणादायक है। उनकी उपलब्धियों ने साबित किया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

पीटी उषा ने कब ओलंपिक में भाग लिया?
पीटी उषा ने 1980 और 1984 ओलंपिक में भाग लिया।
उन्हें किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है?
उन्हें अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री जैसे सम्मान प्राप्त हैं।
पीटी उषा का जन्म कब हुआ?
पीटी उषा का जन्म 27 जून 1964 को हुआ।
पीटी उषा का खेल करियर कब शुरू हुआ?
उनका खेल करियर चौथी कक्षा में एक दौड़ के साथ शुरू हुआ।
पीटी उषा कब भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष बनीं?
वे 2022 में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष बनीं।