क्या ऋद्धिमान साहा को विराट कोहली ने दुनिया का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट विकेटकीपर माना था?

सारांश
Key Takeaways
- ऋद्धिमान साहा का जन्म २४ अक्टूबर १९८४ को हुआ।
- उन्होंने ४० टेस्ट और ९ वनडे मैच खेले।
- विराट कोहली ने उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर माना।
- साहा की विकेटकीपिंग ने उन्हें एक अद्वितीय पहचान दिलाई है।
- वह वर्तमान में बंगाल अंडर-२३ टीम के कोच हैं।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम में एमएस धोनी के आगमन के बाद, बतौर विकेटकीपर, बल्लेबाज और कप्तान उनकी चर्चा सबसे अधिक रही है। दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल, संजू सैमसन, ऋषभ पंत, और ईशान किशन जैसे खिलाड़ियों ने भी भारतीय टीम के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेला है। लेकिन जब भी श्रेष्ठ विकेटकीपर की बात होती है, तो ऋद्धिमान साहा को अपनी तेज़ गति से स्टंपिंग के लिए मशहूर धोनी से भी अधिक उत्कृष्ट माना जाता है। यह पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और विराट कोहली का भी मानना है।
ऋद्धिमान साहा का जन्म २४ अक्टूबर १९८४ को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुआ था। उन्होंने १३ वर्ष की आयु से क्रिकेट खेलना शुरू किया। दाएं हाथ से बल्लेबाजी के साथ-साथ साहा ने एक विकेटकीपर के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। उनकी विकेटकीपिंग ने युवा अवस्था में ही उन्हें चर्चित कर दिया। बंगाल क्रिकेट के चयनकर्ताओं की नजर भी उन पर पड़ी। अंडर-१९ और अंडर-२२ टीम से होते हुए, २००६-०७ में असम के खिलाफ बंगाल की तरफ से उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला।
२०१० में साहा ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू किया। उस समय कप्तान एमएस धोनी थे। साहा ने धोनी की कप्तानी में खेला और उनके संन्यास के बाद टेस्ट में टीम इंडिया के मुख्य विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर अपनी भूमिका निभाई। साहा का करियर का मुख्य हिस्सा विराट कोहली की कप्तानी में खेलते हुए गुजरा।
११ वर्षों के अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में साहा ने टेस्ट फॉर्मेट में कई यादगार पारियां खेलीं, जिसके चलते भारत जीतने या हार टालने में सफल रहा। लेकिन साहा की चर्चा उनकी बल्लेबाजी से ज्यादा उनकी विकेटकीपिंग के लिए होती है। विकेट के पीछे उनकी चपलता और दाएं या बाएं उछलते हुए गेंद को पकड़ने की क्षमता उन्हें भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक अद्वितीय विकेटकीपर के रूप में स्थापित करती है।
भारतीय टीम के सफलतम कप्तानों में से एक सौरव गांगुली साहा को धोनी से बेहतर विकेटकीपर मान चुके हैं। वहीं भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान विराट कोहली ने साहा को दुनिया का श्रेष्ठ टेस्ट विकेटकीपर कहा था। पार्थिव पटेल और आर श्रीधर जैसे दिग्गज भी उन्हें श्रेष्ठ विकेटकीपर मान चुके हैं।
भारतीय टीम के लिए साहा ने ४० टेस्ट और ९ वनडे खेले। टेस्ट में ३ शतक और ६ अर्धशतक बनाते हुए १,३५३ रन उन्होंने बनाए। टेस्ट में ९२ कैच और १२ स्टंपिंग उनके नाम हैं। १७० आईपीएल मैचों में १ शतक और १३ अर्धशतक की मदद से उनके नाम २,९३४ रन दर्ज हैं। १ फरवरी २०२५बंगाल अंडर-२३ टीम के कोच हैं।