क्या ऋषभ पंत ने होनहार छात्रा की कॉलेज फीस भरकर समाज में एक नई मिसाल कायम की?

सारांश
Key Takeaways
- ऋषभ पंत ने एक छात्रा की कॉलेज फीस भरी।
- ज्योति ने 12वीं में 83 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
- आर्थिक तंगी ने ज्योति के कॉलेज में दाखिले में बाधा डाली।
- अनिल हुनाशिकट्टी ने ज्योति की मदद की।
- ऋषभ पंत ने 40 हजार रुपये का योगदान दिया।
बागलकोट, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत ने कर्नाटक की एक प्रतिभाशाली छात्रा की कॉलेज फीस भरकर उसे दाखिला दिलाने में मदद की। पंत का यह कदम लोगों के दिलों को छू गया है और उनकी इस नेक पहल की व्यापक सराहना हो रही है।
बिलागी तालुक के रबाकवी गांव की निवासी ज्योति कनबूर मठ ने 12वीं कक्षा में 83 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। ज्योति उच्च शिक्षा का सपना देख रही थीं, लेकिन आर्थिक तंगी उनके लिए बाधा बन गई थी। उन्हें कॉलेज में दाखिले के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था।
ज्योति के पिता, तीर्थय्या गांव में एक छोटी-सी चाय की दुकान चलाते हैं और वे अपनी बेटी की पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पा रहे थे।
गांव के एक स्थानीय ठेकेदार, अनिल हुनाशिकट्टी से संपर्क किया गया। अनिल ने न केवल ज्योति के दाखिले में मदद का आश्वासन दिया, बल्कि आर्थिक मदद भी प्रदान करने का वादा किया।
हुनाशिकट्टी ने बेंगलुरु में अपने दोस्तों से संपर्क किया। अनिल के दोस्तों ने ऋषभ पंत को ज्योति के बारे में बताया और वह तुरंत मदद के लिए आगे आए। 17 जुलाई को उन्होंने ज्योति की पहले सेमेस्टर की फीस के लिए 40 हजार रुपये सीधे कॉलेज के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
ऋषभ पंत का आभार व्यक्त करते हुए ज्योति ने कहा, "मैंने गलागली से 12वीं की पढ़ाई पूरी की और बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) कोर्स करने का सपना देखा, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मैंने अनिल हुनाशिकट्टी को अपनी परेशानी बताई और उन्होंने ऋषभ पंत से संपर्क किया।"
ज्योति ने कहा, "भगवान ऋषभ पंत को अच्छी सेहत दें। उनकी मदद मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आशा है कि पंत मेरे जैसे गरीब पृष्ठभूमि के अन्य छात्रों का भी समर्थन करेंगे।"