क्या रूसी जूडोका अपने झंडे के बैनर तले अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भाग ले पाएंगे?
सारांश
Key Takeaways
- रूसी जूडोका को अपने झंडे के साथ खेलने की अनुमति मिली।
- अंतरराष्ट्रीय खेलों में निष्पक्षता को बढ़ावा दिया जाएगा।
- रूस की वापसी से खेलों में प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ेगा।
- बेलारूस के एथलीटों को पहले ही अनुमति मिल चुकी है।
- आईओसी का निर्णय खेलों में राजनीति से अलग रखने का प्रयास है।
मॉस्को, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय जूडो फेडरेशन (आईजेएफ) की कार्यकारी समिति ने रूसी जूडोका को अपने देश के राष्ट्रगान और झंडे के साथ अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने की अनुमति दी है।
शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आईजेएफ ने एक बयान में कहा, "खेल लोगों और देशों को संघर्ष की स्थितियों में एकजुट करने का माध्यम है। एथलीटों की सरकारों या अन्य राष्ट्रीय संस्थानों के निर्णयों की जिम्मेदारी नहीं होती। खेल और एथलीटों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।"
आईजेएफ ने यह भी कहा, "रूस जूडो के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण शक्ति रहा है। रूस की वापसी से निष्पक्षता, सभी को साथ लेकर चलने और सम्मान के सिद्धांतों को बनाए रखते हुए मुकाबलों को और बेहतर बनाने की उम्मीद है।"
प्रतिबंध हटने के बाद, रूसी जूडोका पहली बार 28 से 30 नवंबर तक अबू धाबी में होने वाले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में भाग लेंगे।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने रूस-यूक्रेन विवाद के चलते रूस और बेलारूस पर प्रतिबंध लगाए थे। सितंबर 2023 में, आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में रूसी और बेलारूस के एथलीटों को 2026 मिलान-कॉर्टिना विंटर ओलंपिक्स में न्यूट्रल इंडिविजुअल एथलीट के तौर पर भाग लेने की अनुमति दी थी।
इसके बाद, अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक कमेटी की आम सभा ने भी बेलारूस और रूस की राष्ट्रीय पैरालंपिक समितियों की सदस्यता को बहाल करने के लिए वोट दिया।
आईओसी ने यह निर्णय लिया है कि जो इंडिविजुअल न्यूट्रल एथलीट हैं, जो रूसी या बेलारूसी पासपोर्ट रखते हैं और जिन्होंने खेल के मैदान पर अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन के मौजूदा क्वालिफिकेशन सिस्टम के जरिए क्वालिफाई किया है, वे मिलानो कॉर्टिना 2026 ओलंपिक विंटर गेम्स में भाग ले सकेंगे, उसी शर्तों पर जो पेरिस 2024 ओलंपिक गेम्स के लिए थी।
बता दें कि बेलारूसी एथलीटों को जून में अपने झंडे के तहत प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति दी गई थी।