क्या संदीप पाटिल 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य और केन्या के कोच के रूप में सफल हुए?

सारांश
Key Takeaways
- संदीप पाटिल का कोचिंग करियर प्रेरणादायक है।
- केन्या की सेमीफाइनल में पहुँचने की कहानी एक उपलब्धि है।
- उन्होंने भारतीय क्रिकेट में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व भारतीय क्रिकेटर संदीप पाटिल ने खेल में अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ कोच के रूप में भी एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। उनके मार्गदर्शन में केन्या ने वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई।
संदीप पाटिल ने क्रिकेट से संन्यास के बाद कोचिंग में कदम रखा। उन्होंने 14 नवंबर 1996 को केन्या के कोच का पद संभाला और अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण उनका कार्यकाल 2003 तक बढ़ाया गया।
उनकी कोचिंग में केन्या क्रिकेट टीम ने 2003 के वनडे विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया। इस विश्व कप में जो दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुआ था, केन्या ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया और सेमीफाइनल तक पहुंचा। हालांकि, टीम को भारत के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
केन्या जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीम का सेमीफाइनल में पहुंचना एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी, और इसमें संदीप पाटिल की कोचिंग की अहम भूमिका रही। 2003 के बाद उन्होंने केन्या टीम के कोच का पद छोड़ दिया।
18 अगस्त 1956 को मुंबई में जन्मे संदीप पाटिल दाएं हाथ के बल्लेबाज और मध्यम गति के तेज गेंदबाज रहे हैं।
उन्होंने 15 जनवरी 1980 को पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया। उनका वनडे डेब्यू 6 दिसंबर 1980 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ।
संदीप पाटिल ने 29 टेस्ट में 4 शतक और 7 अर्धशतक लगाते हुए 1,588 रन बनाए और 9 विकेट लिए। वहीं, 45 वनडे में 9 अर्धशतक लगाते हुए 1,005 रन बनाए और 15 विकेट अपने नाम किए।
वे 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। सेमीफाइनल में भारत की इंग्लैंड के खिलाफ जीत में उनकी 32 रन की पारी अत्यंत महत्वपूर्ण रही।
उन्होंने भारत-ए टीम के कोच के रूप में भी कार्य किया। संदीप पाटिल 27 सितंबर 2012 से सितंबर 2016 तक बीसीसीआई चयन समिति के अध्यक्ष रहे, इसी दौरान भारत ने 2013 का चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीता।