क्या सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी?

सारांश
Key Takeaways
- सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी।
- उन्होंने कई खिलाड़ियों को पहचान दिलाई।
- गांगुली की कप्तानी में भारत ने बाहर जीतना सीखा।
- वे आक्रामक कप्तान थे।
- उनकी जोड़ी सचिन के साथ सबसे सफल रही।
नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में कई कप्तान आए हैं, लेकिन सौरव गांगुली जैसे कप्तान ने अपनी नेतृत्व क्षमता से भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम आज दुनिया की शीर्ष क्रिकेट टीमों में शुमार है।
2000 में सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी सौंपी गई, जब टीम फिक्सिंग के आरोपों से जूझ रही थी। उस समय भारत को कमजोर टीमों में गिना जाता था, लेकिन गांगुली ने अपनी नेतृत्व क्षमता और खिलाड़ियों की पहचान के दम पर टीम का स्वरूप बदल दिया।
कप्तान बनते ही गांगुली ने उन खिलाड़ियों को मौका दिया जो आगे चलकर भारतीय क्रिकेट का नाम रोशन करने वाले बने। युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, हरभजन सिंह, धोनी और सहवाग जैसे खिलाड़ियों की पहचान उनके समय में हुई।
गांगुली एक आक्रामक कप्तान थे। उनकी कप्तानी में भारत ने बेखौफ खेल की संस्कृति को अपनाया। 2000 में उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला, और 2002 में श्रीलंका के साथ इसे जीतने में सफल रहे।
गांगुली की कप्तानी में भारत ने बाहर जीतना सीखा। नेटवेस्ट ट्रॉफी (2002) में भारत ने इंग्लैंड को हराया, जो उनके दौर की सबसे बड़ी जीतों में से एक थी। गांगुली 2005 तक कप्तान रहे और इस दौरान उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
गांगुली ने धोनी को प्राथमिकता दी, जिसने बाद में भारत को 2007 टी20 और 2011 वनडे विश्व कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जब गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष बने, तब उन्होंने रोहित शर्मा को कप्तान नियुक्त किया, जो भविष्य में भारत के लिए सफल साबित हुआ।
गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कलकत्ता में हुआ। उन्होंने 113 टेस्ट मैचों में 7212 रन बनाए और 311 वनडे में 11363 रन बनाए। सचिन तेंदुलकर के साथ उनकी जोड़ी वनडे इतिहास की सबसे सफल सलामी जोड़ी रही है।