क्या सौरव घोषाल ने भारतीय स्क्वैश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया?

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क्या सौरव घोषाल ने भारतीय स्क्वैश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि सौरव घोषाल ने भारतीय स्क्वैश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है? इस लेख में उनके जीवन की प्रमुख उपलब्धियों और योगदान की जानकारी प्राप्त करें।

Key Takeaways

  • सौरव घोषाल का करियर भारतीय स्क्वैश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला रहा है।
  • उन्होंने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में कई पदक जीते हैं।
  • वे पहले भारतीय हैं जिन्होंने ब्रिटिश जूनियर ओपन अंडर-19 स्क्वैश खिताब जीता।
  • सौरव ने पीएसए में 18 बार फाइनल खेला और 10 खिताब जीते।
  • उनकी उपलब्धियां युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सौरव घोषाल भारत के सबसे प्रतिष्ठित स्क्वैश खिलाड़ियों में से एक रहे हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में भारत को कई पदक दिलाए हैं। अपनी तेज गति और उत्कृष्ट तकनीक के लिए मशहूर घोषाल भारतीय स्क्वैश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं।

10 अगस्त 1986 को कोलकाता में जन्मे सौरव ने अपने गृहनगर के कोलकाता रैकेट क्लब में स्क्वैश खेलना शुरू किया। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, सौरव चेन्नई स्थित आईसीएल स्क्वैश एकेडमी पहुंचे, जहां उन्होंने रिटायर्ड मेजर मनियम और साइरस पोंचा से इस खेल की बारीकियां सीखी।

वर्ष 2004 में, सौरव ब्रिटिश जूनियर ओपन अंडर-19 स्क्वैश खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने।

वर्ष 2006 में, उन्होंने दोहा एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता। अगस्त 2007 में, उन्हें 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया और वह यह सम्मान पाने वाले पहले स्क्वैश खिलाड़ी बने।

वर्ष 2003 में पीएसए में डेब्यू करने वाले सौरव ने 18 बार टूर्नामेंट का फाइनल खेला, जिसमें उनके नाम 10 खिताब रहे।

नवंबर 2021 में, उन्होंने मलेशियन ओपन स्क्वैश चैंपियनशिप के फाइनल में कोलंबिया के मिगुएल रोड्रिग्ज को हराकर अपना अंतिम पीएसए खिताब जीता।

वर्ष 2024 में, उन्होंने विंडी सिटी ओपन पीएसए टूर पर अंतिम बार प्रतिस्पर्धा की, जहां उन्हें यूएसए के टिमोथी ब्राउनेल से हार का सामना करना पड़ा।

सौरव घोषाल वर्ल्ड स्क्वैश चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं, उन्होंने यह उपलब्धि वर्ष 2013 में मैनचेस्टर में हासिल की।

वर्ष 2014 में, उन्होंने इंचियोन में खेले गए 17वें एशियन गेम्स के सिंगल्स इवेंट में रजत पदक जीता और टीम इवेंट में भारत को उसका पहला स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वर्ष 2018-19 में, सौरव दुनिया के टॉप 10 में शामिल होने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में, सौरव ने सिंगल्स और मिक्स्ड डबल्स इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीते और वर्ल्ड डबल्स चैंपियनशिप के मिक्स्ड डबल्स इवेंट में दीपिका पल्लीकल के साथ स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया।

सौरव घोषाल ने अप्रैल 2024 में पेशेवर स्क्वैश से सन्न्यास का ऐलान किया। उन्होंने पीएसए टूर पर 511 में से 281 मैच जीते।

सौरव घोषाल ने भारतीय स्क्वैश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतकर युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया और भारत में स्क्वैश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Point of View

बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया है। उनका योगदान भारतीय खेलों में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में याद किया जाएगा।
NationPress
10/08/2025

Frequently Asked Questions

सौरव घोषाल ने कितने पदक जीते हैं?
सौरव घोषाल ने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में कई पदक जीते हैं।
सौरव घोषाल का जन्म कब हुआ?
सौरव घोषाल का जन्म 10 अगस्त 1986 को कोलकाता में हुआ।
सौरव घोषाल ने किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
उन्हें अगस्त 2007 में 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
सौरव घोषाल ने कब पेशेवर स्क्वैश से संन्यास लिया?
उन्होंने अप्रैल 2024 में पेशेवर स्क्वैश से सन्न्यास का ऐलान किया।
सौरव घोषाल की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है?
सौरव घोषाल विश्व स्क्वैश चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं।