क्या शुभमन गिल ने अपनी बल्लेबाजी का आनंद फिर से पाया? 269 रनों की ऐतिहासिक पारी के बाद उनकी सोच

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क्या शुभमन गिल ने अपनी बल्लेबाजी का आनंद फिर से पाया? 269 रनों की ऐतिहासिक पारी के बाद उनकी सोच

सारांश

शुभमन गिल ने एजबेस्टन में 269 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलकर क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। उनकी यह पारी न केवल रिकॉर्ड बुक में जगह बनाने में सफल रही, बल्कि यह उनके मानसिक बदलाव और तकनीकी सुधार का भी परिचायक है। जानिए इस अद्भुत पारी के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • शुभमन गिल ने 269 रन बनाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया।
  • बुनियादी तकनीकी सुधार ने गिल की बल्लेबाजी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • गिल ने मानसिक रूप से खुद को मजबूत किया और बल्लेबाजी का आनंद वापस पाया।
  • गिल ने टीम इंडिया को 587 रनों के विशाल स्कोर तक पहुँचाया।
  • गेंदबाजी में निरंतरता महत्वपूर्ण है, जैसा कि गिल ने बताया।

नई दिल्ली, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में शुभमन गिल ने 269 रनों की एक ऐतिहासिक पारी खेली, जिसने उन्हें रिकॉर्ड बुक में एक विशेष स्थान दिलाया। इस अद्भुत पारी के बाद शुभमन गिल ने अपनी तकनीकी सुधार और मानसिक बदलाव के बारे में चर्चा की।

25 वर्षीय भारतीय कप्तान की यह सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी ने टीम इंडिया को 587 रनों के विशाल स्कोर तक पहुँचाया, जो पिछले 18 वर्षों में इंग्लैंड में उनका सबसे बड़ा स्कोर है। इसके बाद दूसरे दिन के खेल के अंत तक मेहमान गेंदबाजों ने इंग्लैंड को 77/3 पर रोकने में भी मदद की।

अपनी पारी के बारे में बात करते हुए शुभमन गिल ने कहा कि बल्लेबाजी का मजा फिर से पाना उनके रेड-बॉल क्रिकेट में सफलता का महत्वपूर्ण कारण बना।

उन्होंने कहा, "जब रन आसानी से नहीं बनते, तो बल्लेबाजी का मजा समाप्त हो जाता है। आप बस रन बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। मुझे लगता था कि मैंने यह आनंद खो दिया था। मैं इतना ध्यान केंद्रित था कि बल्लेबाजी का मजा नहीं ले पा रहा था।"

नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने वाले गिल ने कहा कि बुनियादी बातों पर वापस लौटने से उनकी लय में सुधार हुआ। "मैंने अपनी प्रारंभिक मूवमेंट और सेटअप पर काम किया। पहले मुझे लगता था कि मेरी बल्लेबाजी सही चल रही थी। मैं टेस्ट में लगातार 35-40 रन बना रहा था, लेकिन मेरी एकाग्रता खो रही थी।"

गिल ने यह भी कहा, "कई लोग कहते हैं कि अधिक ध्यान देने से आप अपनी सर्वश्रेष्ठ एकाग्रता का समय चूक जाते हैं। इसलिए, इस सीरीज में मैंने अपनी बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित किया। मैंने बचपन की तरह बल्लेबाजी करने की कोशिश की। मैं सिर्फ बल्लेबाजी का मजा लेना चाहता था, न कि 35-40 रन बनाने या लंबी पारी खेलने के बारे में सोचा।"

गिल की इस पारी ने उन्हें कई रिकॉर्ड दिलाए। वे मंसूर अली खान पटौदी के बाद टेस्ट में दोहरा शतक बनाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय कप्तान बन गए और सेना देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में दोहरा शतक बनाने वाले पहले एशियाई कप्तान बने। इसके अलावा, उन्होंने विराट कोहली के 254 नाबाद को पीछे छोड़ते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय टेस्ट कप्तान बन गए। यह 2016 में कोहली के बाद विदेशी टेस्ट में किसी भारतीय बल्लेबाज का पहला दोहरा शतक था।

हालांकि, इतने बड़े स्कोर के बावजूद गिल ने इस पारी को आसान नहीं बताया। उन्होंने कहा, "पहले दिन लंच से पहले जब मैं बल्लेबाजी करने उतरा, तो टी ब्रेक तक मैंने करीब 100 गेंदों पर 35-40 रन बनाए थे। मैंने गौतम गंभीर भाई से बात की और कहा कि रन आसानी से नहीं बन रहे, भले ही मेरे पास कई शॉट्स हैं।"

हेडिंग्ले में 147 रन की पारी से मिले सबक ने उनकी सोच को मजबूत किया। उन्होंने कहा, "पिछले मैच में मैंने सीखा कि परिस्थितियों में निचला क्रम कभी भी ढह सकता है। इसलिए मैंने जितना हो सके क्रीज पर रहने की कोशिश की। मैं चाहता था कि गेंदबाज मुझे अच्छी गेंद पर आउट करे, न कि मेरी गलती से।"

आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को शुरुआती ओवर में ढेर कर दिया। गिल ने अपने गेंदबाजों की तारीफ की। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि एक बार जब गेंद थोड़ी पुरानी हो जाती है, तो विकेट लेना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, जितना अधिक हम लगातार एक क्षेत्र में गेंदबाजी करेंगे और उनके बल्लेबाजों को निराश करेंगे, उतना ही हमारे लिए बेहतर होगा।"

उन्होंने कहा, "हम कोशिश करेंगे कि बल्लेबाज केवल एक ही क्षेत्र में रन बना पाए। जब बल्लेबाज पूरे मैदान में रन बना लेता है, तो उसे नियंत्रित करना कठिन हो जाता है। मुझे लगता है कि हमारे गेंदबाजों ने अपनी योजनाओं को बहुत अच्छे से लागू किया। विकेट में गेंदबाजों के लिए ज्यादा मदद नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि अगर बल्लेबाज ज्यादा जोर लगाए, तो आउट होने की संभावना बढ़ जाती है।"

गिल ने कहा कि जब बल्लेबाज कुछ अलग करने की कोशिश करता है, तो उसे आउट करने का मौका बढ़ जाता है। इसलिए, हम बल्लेबाजों को परेशान करने की कोशिश करेंगे और जहां वे रन बनाना चाहें, वहां मौका नहीं देंगे। मेरे ख्याल से यह हमारी गेंदबाजी के लिए सबसे जरूरी होगा।

Point of View

यह देखना उत्साहजनक है कि भारतीय क्रिकेट के युवा सितारे शुभमन गिल ने अपनी बल्लेबाजी में नजरअंदाज की गई बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित करके अपनी क्षमता को फिर से खोजा है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत विकास का प्रतीक है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

शुभमन गिल ने कितने रन बनाए?
शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में 269 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली।
गिल ने अपनी बल्लेबाजी में क्या बदलाव किए?
गिल ने अपनी तकनीकी सुधार और मानसिक बदलाव पर जोर दिया है, जिससे उन्होंने बल्लेबाजी का आनंद फिर से पाया।
गिल ने किस प्रकार के रिकॉर्ड बनाए?
गिल ने मंसूर अली खान पटौदी के बाद टेस्ट में दोहरा शतक बनाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय कप्तान बनने का रिकॉर्ड बनाया।
गिल की पारी ने टीम इंडिया को कैसे प्रभावित किया?
गिल की पारी ने टीम इंडिया को 587 रनों के विशाल स्कोर तक पहुँचाया।
गिल ने गेंदबाजों की क्या सराहना की?
गिल ने कहा कि गेंदबाजों ने अपने क्षेत्र में निरंतरता बनाए रखी, जिससे विकेट लेना आसान हुआ।