सिंहावलोकन 2025: इस साल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रदर्शन कैसा रहा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का एथलेटिक्स प्रदर्शन अद्वितीय रहा है।
- गुलवीर सिंह ने एक ही संस्करण में दो गोल्ड जीते।
- साउथ एशियन चैंपियनशिप में भारत ने मेजबानी की।
- वर्ल्ड पैरा चैंपियनशिप में भारत ने रिकॉर्ड बनाए।
- युवाओं ने ओलंपिक पदक की आशा जगाई।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 में आयोजित एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रदर्शन असाधारण रहा है। भारत ने लंबे समय बाद साउथ एशियन (सैफ) सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी की, जिसमें उसने अत्यधिक उत्तम प्रदर्शन किया। इसके साथ ही, भारतीय एथलीट्स ने एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप और वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
एशियाई स्तर पर भारत ने मेडल तालिका में अपनी धाक जमा ली। भारतीय एथलीट्स ने विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हुए पैरा चैंपियनशिप में रिकॉर्ड प्रदर्शन किया। आइए, इस वर्ष की प्रमुख एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के प्रदर्शन पर एक नज़र डालते हैं।
एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप: साउथ कोरिया में आयोजित इस चैंपियनशिप में भारत ने 8 गोल्ड, 10 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज के साथ कुल 24 मेडल अपने नाम किए। भारत ने दूसरे पायदान पर जगह बनाई। गुलवीर सिंह 5,000 मीटर और 10,000 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल जीतकर एक ही संस्करण में दो गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बने।
साउथ एशियन (सैफ) सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप: भारत 58 पदक (20 गोल्ड, 20 सिल्वर और 18 ब्रॉन्ज) के साथ शीर्ष पर रहा। इस चैंपियनशिप के चौथे संस्करण में भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और मालदीव के करीब 300 एथलीट्स ने हिस्सा लिया। भारत ने 17 साल बाद इस चैंपियनशिप की मेजबानी की।
वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप: जापान में आयोजित इस चैंपियनशिप में करीब 200 देशों के 2 हजार से ज्यादा एथलीट्स ने भाग लिया। भारत 22 मेडल (6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज) के साथ 10वें पायदान पर रहा। वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 भारत में अब तक का सबसे बड़ा पैरा गेम्स आयोजन रहा। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के मोंडो ट्रैक पर भारतीय एथलीट्स ने इस चैंपियनशिप में तीन चैंपियनशिप रिकॉर्ड्स और 7 एशियन रिकॉर्ड्स बनाए। यह चैंपियनशिप भारत की पैरा एथलेटिक्स में एक रिकॉर्ड-तोड़ और सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि के रूप में याद की जाएगी।
इस वर्ष एथलेटिक्स चैंपियनशिप के साथ विश्व स्तर पर युवा भारतीय खिलाड़ियों ने न सिर्फ अनुभव हासिल किया, बल्कि भविष्य में ओलंपिक पदक की आस भी जगाई है।