क्या तेजस्विन शंकर ने क्रिकेट छोड़कर एथलेटिक्स में नया मुकाम हासिल किया?
सारांश
Key Takeaways
- तेजस्विन शंकर ने क्रिकेट को छोड़कर एथलेटिक्स में नई ऊंचाइयों को छूआ।
- उन्हें ऊंची कूद में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने का गौरव प्राप्त हुआ।
- उन्होंने कॉमनवेल्थ और एशियन चैंपियनशिप में पदक जीते।
- तेजस्विन का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2.29 मीटर है।
- उनकी कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में क्रिकेट ऐसा खेल है जिसे हर कोई खेलने की ख्वाहिश रखता है। अन्य खेलों को छोड़कर खिलाड़ी अक्सर क्रिकेट की ओर आकर्षित होते हैं। इसकी प्रमुख वजह क्रिकेट की अपार लोकप्रियता और आर्थिक लाभ है। तेजस्विन शंकर ऐसे अद्भुत खिलाड़ी हैं जिन्होंने क्रिकेट को छोड़कर एथलेटिक्स का मार्ग चुना और आज ऊंची कूद के क्षेत्र में भारत के तेजी से उभरते सितारे बन गए हैं।
तेजस्विन शंकर का जन्म 21 दिसंबर 1998 को दिल्ली में एक तमिल परिवार में हुआ। उनका उपनाम 'टीजे' है। उनके पिता बीसीसीआई के वकील थे, इसलिए उनका बचपन खेल-कूद से भरा हुआ था। तेजस्विन ने अपने करियर की शुरुआत क्रिकेट से की थी। लंबाई के कारण वे तेज गेंदबाज बने, लेकिन अंडर-14 एवं अंडर-16 स्तर पर दिल्ली की टीम में चयन में असफल रहे। इससे उन्हें निराशा हुई और उन्होंने क्रिकेट से ध्यान हटाना शुरू किया।
क्रिकेट में असफलता के बाद, तेजस्विन ने स्कूल की सलाह पर एथलेटिक्स की ओर कदम बढ़ाया। उन्होंने शुरू में 400 मीटर और ट्रिपल जंप में प्रयास किया, लेकिन उन्हें ऊंची कूद में सफलता मिली। 2013 में दिल्ली राज्य चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद, उनका क्रिकेट से नाता टूट गया। 2015 में कॉमनवेल्थ युवा खेलों में स्वर्ण और 2016 में साउथ एशियन गेम्स में रजत पदक जीतने वाले तेजस्विन ने उसी साल जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 2.18 मीटर कूदकर 12 साल पुराना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उन्होंने भाग लिया और छठा स्थान प्राप्त किया।
तेजस्विन को अमेरिका की कैनसस स्टेट यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप प्राप्त हुई जिससे उनके प्रदर्शन में अद्भुत सुधार आया। एनसीएए में उन्होंने स्वर्ण और रजत पदक जीते। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2.29 मीटर है, जो कि ऊंची कूद का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में तेजस्विन शंकर ने कांस्य पदक जीता, जो कि कॉमनवेल्थ में भारत का पहला पदक है। उन्होंने 2022 में डेकाथलॉन की ओर कदम बढ़ाया और पहली ही मीट में शानदार प्रदर्शन किया। 2023 एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक और हांगझोऊ एशियन गेम्स में 7666 अंकों के साथ रजत पदक जीता। 2025 में गुमी (कोरिया) में एशियन चैंपियनशिप में डेकाथलॉन में उन्होंने रजत पदक जीता। तेजस्विन दो बार एशियन चैंपियनशिप में डेकाथलॉन पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं।
जुलाई 2025 में पोलैंड के वीस्लाव चापिवेस्की मेमोरियल मीट में 7826 अंकों के साथ उन्होंने अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा, हालांकि उस प्रतियोगिता में वे चौथे स्थान पर रहे। यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ डेकाथलॉन स्कोर है।
26 वर्ष के तेजस्विन शंकर, भविष्य में वैश्विक मंच पर भारत के लिए स्वर्ण पदक की सबसे बड़ी उम्मीदों में से एक माने जा रहे हैं।