क्या पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने तिलक वर्मा का ध्यान भटकाने की कोशिश की?

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क्या पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने तिलक वर्मा का ध्यान भटकाने की कोशिश की?

सारांश

एशिया कप 2025 के फाइनल में तिलक वर्मा की अद्भुत बल्लेबाजी ने भारतीय टीम को जीत दिलाई। उन्होंने खुलासा किया कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने उनका ध्यान भटकाने का प्रयास किया। जानिए तिलक ने किस तरह अपने मानसिकता को संभाला और टीम को जीत दिलाई।

Key Takeaways

  • पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने ध्यान भटकाने की कोशिश की।
  • तिलक वर्मा ने मानसिक मजबूती दिखाई।
  • उन्होंने 140 करोड़ लोगों के लिए बल्लेबाजी की।
  • असली जवाब मैच जीतने पर मिलता है।
  • टीम इंडिया की खूबी साझेदारी में है।

हैदराबाद, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप 2025 के फाइनल में हीरो रहे तिलक वर्मा ने बताया कि फाइनल के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ी उनका ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे।

तिलक वर्मा ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "पाकिस्तान हमेशा खिलाड़ियों का ध्यान भटकाने की कोशिश करता है। जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था, तब बहुत सी बातें हुईं, लेकिन मैं आपको कैमरे पर नहीं बता सकता। भारत-पाकिस्तान के मुकाबलों में ऐसा होता है। हम खेल के बीच में बहुत कुछ कह देते हैं, लेकिन असली जवाब तब मिलता है, जब आप मैच जीतते हैं। मुझे यही करना था। मैंने यही किया।"

उन्होंने यह भी बताया कि तनावपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते वक्त उन्हें शांत रहना पड़ा। बल्लेबाजी करते समय उन्होंने खुद को याद दिलाया कि वह 140 करोड़ लोगों के लिए बल्लेबाजी कर रहे थे।

तिलक वर्मा ने कहा, "मैं बहुत दबाव और घबराहट में था। मेरे दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। मेरे दिल और दिमाग में बस यही था कि मैं जो भी करूं, देश के लिए अपनी जान लगा दूं। अगर दबाव में आकर असफल हो जाऊं, तो यह सिर्फ मेरी नाकामी नहीं होगी, बल्कि 140 करोड़ लोगों को निराश करने जैसा होगा। इसके लिए, मुझे शांत रहना था। बचपन से ही मैंने बुनियादी बातें सीखी हैं। यह आदत भी रही है कि शांत रहकर दिमाग में जो है, उसे पूरी तरह अमल में लाऊं।"

फाइनल में भारतीय टीम ने महज 20 रन में अपने 3 विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद तिलक वर्मा ने संजू सैमसन और शिवम दुबे के साथ शानदार साझेदारियां करते हुए भारत को जीत दिलाई। तिलक को 'प्लेयर ऑफ द मैच' भी चुना गया।

बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, "पहले तीन विकेट गिरने पर काफी दबाव था। उसके बाद स्थिति और भी मुश्किल होती गई। उस समय मैं बल्लेबाजी कर रहा था। मुझ पर काफी दबाव था। अगर मैं एक और गलत शॉट खेलता, तो टीम हार सकती थी। इसलिए मैंने खुद से कहा, 'मुझे शांत रहना है, बुनियादी बातों का पालन करना है और मैच के बीच में कोई जवाब नहीं देना है।'"

22 वर्षीय खिलाड़ी ने शिवम दुबे के साथ पांचवें विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी की, जिसने भारत को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। उन्होंने कहा, "यह विकेट बल्लेबाजी के लिए इतना आसान नहीं था। जैसे ही टीम की वापसी हुई, हमने साझेदारी करते हुए मैच जीत लिया। यही टीम इंडिया की खूबी है।"

पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी मुकाबला जीतने के बाद तिलक वर्मा सोमवार को हैदराबाद लौटे। शमशाबाद हवाई अड्डे पर फैंस ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद तेलंगाना खेल प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवसेना रेड्डी और प्रबंध निदेशक सोनी बाला देवी ने उन्हें सम्मानित किया।

Point of View

तिलक वर्मा की कहानी हमें यह सिखाती है कि खेल में मानसिक मजबूती कितनी महत्वपूर्ण होती है। भारत-पाकिस्तान जैसे उच्च-दबाव मुकाबलों में, खिलाड़ियों को अपने देश के लिए प्रदर्शन करने का अद्भुत मौका मिलता है। यह केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि पूरे देश की भावना का प्रतिनिधित्व करता है।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

तिलक वर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में क्या किया?
तिलक वर्मा ने फाइनल में शानदार बल्लेबाजी की और भारत को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
क्या पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने तिलक वर्मा का ध्यान भटकाने की कोशिश की?
जी हां, तिलक वर्मा ने बताया कि फाइनल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने उनका ध्यान भटकाने की कोशिश की।
तिलक वर्मा ने दबाव को कैसे संभाला?
तिलक ने खुद को याद दिलाया कि वह 140 करोड़ लोगों के लिए बल्लेबाजी कर रहे थे और शांत रहने की कोशिश की।
तिलक वर्मा की उम्र क्या है?
तिलक वर्मा की उम्र 22 वर्ष है।
उन्हें कौन सा पुरस्कार मिला?
उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' का पुरस्कार मिला।