क्या आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने अंपायर डिकी बर्ड के निधन पर शोक व्यक्त किया?

सारांश
Key Takeaways
- डिकी बर्ड का निधन ९२ वर्ष की आयु में हुआ।
- उन्होंने आईसीसी के तीन विश्व कप फाइनल में अंपायरिंग की।
- उनकी लोकप्रियता का अंदाजा उनकी किताब की बिक्री से लगाया जा सकता है।
- उन्होंने डिकी बर्ड फाउंडेशन के माध्यम से जरूरतमंद खिलाड़ियों की सहायता की।
- उनका योगदान क्रिकेट की दुनिया में सदैव याद रहेगा।
नई दिल्ली, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने इंग्लैंड के प्रसिद्ध अंपायर हेरोल्ड 'डिकी' बर्ड के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। बर्ड का ९२ वर्ष की आयु में निधन हुआ। शाह ने कहा कि वह क्रिकेट के सबसे सम्मानित अंपायरों में से एक थे, जिनकी याद दुनिया भर के प्रशंसकों के दिलों में आज भी बसी हुई है।
जय शाह ने बुधवार को एक बयान में कहा, "डिकी बर्ड केवल एक अंपायर नहीं थे, बल्कि वे क्रिकेट की दुनिया में ईमानदारी के प्रतीक रहे हैं। उनकी बेबाक उपस्थिति और निष्पक्षता ने उन्हें न केवल खिलाड़ियों से, बल्कि दुनियाभर के प्रशंसकों से भी सम्मान दिलवाया। तीन विश्व कप फाइनल और अनेक प्रतिष्ठित मैचों में उनकी भूमिका इस बात का प्रमाण है कि क्रिकेट के प्रति उनका जुनून अद्वितीय था।"
उन्होंने कहा, "क्रिकेट जगत ने अपनी एक सबसे प्रिय हस्तियों को खो दिया है। हम सभी प्रशंसकों के साथ मिलकर इस खेल के एक सच्चे सज्जन को याद करेंगे।"
मंगलवार को यॉर्कशायर ने एक बयान में कहा कि बर्ड का उनके घर पर शांति से निधन हुआ। बर्ड ने यॉर्कशायर और लीसेस्टरशायर के लिए ९३ प्रथम श्रेणी मैच खेले और २ शतक भी लगाए। उन्होंने १९७० में पहले प्रथम श्रेणी मैच में अंपायरिंग की शुरुआत की थी।
उन्होंने तीन साल बाद अपना पहला टेस्ट मैचआईसीसी विश्व कप फाइनल भी शामिल थे। उनका आखिरी टेस्ट मैच १९९६ में लॉर्ड्स में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था, जहां उन्हें दोनों टीमों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया था और दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाई थीं।
बर्ड की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी किताब 'माई ऑटोबायोग्राफी' की दस लाख से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने अपने डिकी बर्ड फाउंडेशन के माध्यम से जरूरतमंद अंडर-१८ खिलाड़ियों की सहायता की। उन्हें २०१२ में ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर का अधिकारी नियुक्त किया गया और २०१४ में यॉर्कशायर का अध्यक्ष बनाया गया।