क्या क्रिकेटरों की मेहनत ने उसैन बोल्ट को प्रेरित किया?

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क्या क्रिकेटरों की मेहनत ने उसैन बोल्ट को प्रेरित किया?

सारांश

विश्व के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट ने क्रिकेटरों की मेहनत को एथलेटिक्स में अपनी सफलता का श्रेय दिया है। जानें कैसे उनके बचपन के क्रिकेट प्रेम ने उन्हें प्रेरित किया।

Key Takeaways

  • कड़ी मेहनत सफलता की कुंजी है।
  • क्रिकेट ने बोल्ट को प्रेरित किया।
  • खेलों में समर्पण का महत्व।
  • प्रशंसकों की ऊर्जा खेल को जीवित रखती है।
  • सफलता कभी आसान नहीं होती।

मुंबई, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओलंपिक में स्वर्ण पदकों की बाढ़ लाने वाले दुनिया के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट ने यह खुलासा किया है कि क्रिकेटरों की कड़ी मेहनत ने उन्हें एथलेटिक्स में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

बोल्ट, जिनके नाम अब भी पुरुषों की 100 मीटर दौड़ का 9.58 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड और 200 मीटर में 19.19 सेकंड का रिकॉर्ड है, ने ओलंपिक में आठ स्वर्ण पदक और विश्व चैंपियनशिप में 11 बार शीर्ष स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा कि वह बचपन से ही क्रिकेट के बड़े प्रशंसक रहे हैं।

जमनाबाई नरसी परिसर में एक फायरसाइड चैट में जमैका के इस धावक ने कहा, "मैं हमेशा से क्रिकेट का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। मैंने बचपन में क्रिकेट देखा है। क्रिकेटरों की प्रतिभा, उनके काम करने का तरीका और खुद को आगे बढ़ाने के तरीके ने मुझे छोटी उम्र में ही कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।"

बोल्ट ने कहा, "भारत में होना एक अद्भुत अनुभव है। इतने सारे उत्साही प्रशंसकों से मिलना मुझे याद दिलाता है कि खेल क्यों महत्वपूर्ण हैं और वे क्यों लोगों को जोड़ते हैं। यहां की ऊर्जा शानदार है, और मुझे 'ड्रीम सेट गो' के उस विजन का हिस्सा बनकर खुशी हो रही है, जो प्रशंसकों को उनके पसंदीदा खेलों के और करीब लाने का प्रयास करता है।"

उन्होंने कहा, "मेरे लिए, यह कड़ी मेहनत जितना सरल है, क्या आप समझ रहे हैं? इसमें खेल के प्रति समर्पण की आवश्यकता होती है। मुझे ट्रैक एंड फील्ड बहुत पसंद है, और मैंने इस पर बहुत मेहनत की है। यह एक कठिन यात्रा थी, क्योंकि शीर्ष पर पहुंचना कभी आसान नहीं होता। मैं सचमुच दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनना चाहता था। इसलिए मैंने चोटों, शंकाओं और कठिन समय के बावजूद खुद को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक बनने के लिए प्रेरित किया।"

एक निजी यात्रा पर मुंबई आए बोल्ट दिल्ली भी आने वाले हैं।

Point of View

खेल केवल एक प्रतिस्पर्धा नहीं है, बल्कि यह प्रेरणा और समर्पण का प्रतीक है। बोल्ट का यह अनुभव यह दर्शाता है कि किस तरह विभिन्न खेलों से एक दूसरे को प्रेरणा मिलती है। हमें अपने खिलाड़ियों पर गर्व है और उनकी मेहनत को सराहना चाहिए।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

उसैन बोल्ट ने किस खेल को देखा?
उसैन बोल्ट ने बचपन में क्रिकेट खेल को देखा और उसे पसंद किया।
बोल्ट ने कितने स्वर्ण पदक जीते हैं?
बोल्ट ने ओलंपिक में आठ स्वर्ण पदक जीते हैं।
बोल्ट का विश्व रिकॉर्ड क्या है?
बोल्ट का 100 मीटर दौड़ में विश्व रिकॉर्ड 9.58 सेकंड है।