क्या बीदर में वेंकटेश प्रसाद का युवा क्रिकेटरों ने स्वागत किया?
सारांश
Key Takeaways
- वेंकटेश प्रसाद का स्वागत बीदर में हुआ।
- उन्होंने युवा क्रिकेटरों को प्रेरित किया।
- उनकी क्रिकेट की सफलता से नए खिलाड़ियों को सीखने को मिला।
- उन्होंने कर्नाटक क्रिकेट की संस्कृति को मजबूत करने के लिए वादे किए।
- उन्हें बीदर में सम्मानित किया गया।
बीदर, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद हाल ही में कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर नियुक्त हुए हैं। इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने के बाद, उन्होंने बीदर में युवा क्रिकेटरों से मिलने का अवसर लिया।
बीदर एयरपोर्ट पर वेंकटेश प्रसाद का शानदार स्वागत किया गया। उन्हें सम्मान के प्रतीक स्वरूप शॉल और गुलदस्ता भेंट किया गया। इस मौके पर स्थानीय क्रिकेट अकादमियों के सैकड़ों बच्चे उपस्थित थे।
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज प्रसाद अपने स्वागत से बेहद प्रसन्न दिखाई दिए। उन्होंने युवा क्रिकेटरों के साथ बातचीत की और उन्हें ऑटोग्राफ भी दिए। इसके अलावा, उन्होंने उन्हें क्रिकेट के विशेष गुर सिखाते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए एक युवा क्रिकेटर ने कहा, "वेंकटेश प्रसाद आए। मुझे उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। मुझे उनका ऑटोग्राफ भी मिला। हमारी अकादमी के सभी बच्चे उनका स्वागत करने आए थे। हम सभी उनका स्वागत करके बहुत खुश हैं।"
एक अन्य युवा क्रिकेटर ने कहा, "हम सभी वेंकटेश प्रसाद का स्वागत करने के लिए आए हैं। वे भारतीय टीम के बेहतरीन तेज गेंदबाज रहे हैं। हमें उन्हें खेलते हुए देखने का मौका नहीं मिला, लेकिन हमारे पिताजी ने उन्हें खेलते हुए देखा है, और वे एक बेहतरीन क्रिकेटर थे।"
वेंकटेश प्रसाद को ७ दिसंबर, २०२५ को कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने अध्यक्ष के रूप में कर्नाटक में क्रिकेट की संस्कृति को और मजबूत करने के लिए कई वादे किए हैं।
५६ वर्षीय वेंकटेश प्रसाद भारतीय क्रिकेट टीम के सफल तेज गेंदबाजों में से एक रहे हैं। १९९६ से २००१ के बीच ३३ टेस्ट मैचों में उन्होंने ९६ विकेट लिए। इस दौरान उन्होंने ७ बार एक पारी में ५ विकेट भी हासिल किए। वहीं, १६१ वनडे मैचों में उनके नाम १९६ विकेट हैं।
वेंकटेश प्रसाद भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच भी रह चुके हैं। वह २००७ से २००९ तक इस भूमिका में थे और उनके कोचिंग के दौरान ही भारतीय टीम ने २००७ का टी20 विश्व कप जीता था।