क्या अदीस अबाबा में पहला चीन-अफ्रीका मानवाधिकार संगोष्ठी आयोजित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- चीन और अफ्रीका के बीच मानवाधिकार सहयोग को मजबूत करने का अवसर।
- संगोष्ठी में 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी।
- भविष्य में साझा विकास और सुरक्षा पर जोर।
- चीन की विकासशील देशों के प्रति प्रतिबद्धता।
- समावेशिता और शांति पर आधारित चीन-अफ्रीका समुदाय का निर्माण।
बीजिंग, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में पहला चीन-अफ्रीका मानवाधिकार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक संगोष्ठी में चीन और 40 से अधिक अफ्रीकी देशों के 200 से ज्यादा मानवाधिकार अधिकारियों, विशेषज्ञों और विद्वानों ने भाग लिया।
साथ ही, सामाजिक संगठनों, उद्यमों, थिंक टैंक और मीडिया के प्रतिनिधि भी इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बने।
चीनी मानवाधिकार अध्ययन संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के स्थायी सदस्य, च्यांग च्येनक्वो ने अपने संबोधन में कहा कि चीन की ऐतिहासिक उपलब्धियां यह दर्शाती हैं कि लोगों की आजीविका को सुनिश्चित करना और उसमें सुधार लाना मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने का मूल आधार है।
उन्होंने इसे मानवता के लिए एक सुखी जीवन का सही मार्ग बताया।
च्यांग ने यह भी सुझाव दिया कि चीन-अफ्रीका संबंध अब साझा भविष्य वाले एक सर्व-मौसम समुदाय के निर्माण के नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं और दोनों पक्षों को सतत विकास, समान सुरक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यावहारिक सहयोग के माध्यम से मिलकर मानवाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
इथियोपिया में चीनी राजदूत चन हाई ने इस बात पर जोर दिया कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा विकासशील देश है और अफ्रीका विकासशील देशों का सबसे घना महाद्वीप है। दोनों के बीच विचार, जरूरतें और एक-दूसरे के प्रति गहरी समझ समान है, जिससे मानवाधिकार सहयोग को गहरा करने की असीम संभावनाएं हैं।
संगोष्ठी में इथियोपियाई नीति अध्ययन संस्थान के निदेशक ने इस संगोष्ठी को चीन-अफ्रीका साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण और विकास के अधिकार को बढ़ावा देने में सहायक बताया।
उन्होंने इसे केवल एक नीतिगत संवाद नहीं, बल्कि मानवाधिकार शासन के भविष्य को आकार देने और चीन-अफ्रीका सहयोग को मजबूत करने वाला एक ऐतिहासिक मंच भी माना।
लाइबेरिया के विदेश मामलों के उप मंत्री ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग के प्रति लाइबेरिया की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि वे अपने भविष्य को आकार देने में अफ्रीका की रणनीतिक आवाज को बढ़ावा दे रहे हैं।
उन्होंने एक ऐसे चीन-अफ्रीका समुदाय के निर्माण की इच्छा व्यक्त की जो न केवल व्यापार और निवेश पर आधारित हो, बल्कि समावेशिता, सशक्तीकरण और शांति पर भी केंद्रित हो।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)