क्या मुस्लिम मतदाता अपनी गलती को सुधारेंगे और वोटों का बंटवारा नहीं होने देंगे? : उदित राज

सारांश
Key Takeaways
- मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट होकर मतदान करने की आवश्यकता है।
- पिछली गलतियों से सीख लेना महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक दलों को अपने वोटर्स के लिए जिम्मेदार होना चाहिए।
- भाईचारे और एकता को बढ़ावा देना आवश्यक है।
- केंद्र सरकार के निर्णयों पर ध्यान देने की जरूरत है।
नई दिल्ली, ८ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। इस बीच, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े करने का निर्णय लिया है, जिससे चुनाव और भी रोमांचक होने की संभावना है। इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने मुस्लिम मतदाताओं से एक महत्वपूर्ण अपील की है कि वे इस बार अपने वोटों का बंटवारा न करें।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में हुई गलती को दोहराने से बचें, जिसके कारण उन्हें पिछले पांच वर्षों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस बार एकजुट होकर वोट दें ताकि एक मजबूत नेतृत्व का चुनाव हो सके।
चीफ जस्टिस का अपमान करने वाले वकील के दावे पर कि उसे 'दैवीय संकेत' प्राप्त हुआ था, उदित राज ने कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का मतलब क्या हिंसा, नफरत और घृणा फैलाना है? सनातनियों को इस पर जवाब देना चाहिए कि क्या वे इस आरोपी वकील का समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के बीच जहर फैलाने की राजनीति अब हर जगह फैल रही है, जिससे हिंसा और नफरत आम हो गई है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विदेश दौरे पर भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाओं पर उदित राज ने कहा कि भाजपा को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि राहुल गांधी कभी-कभी विदेश जाते हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों का समर्थन करते हुए उदित राज ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान संघीय है, लेकिन इसे तोड़ा जा रहा है। मनरेगा का फंड रोका जा रहा है और कई राज्यों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है।
भारत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के दौरे पर कांग्रेस नेता ने कहा कि उनका स्वागत है, लेकिन यह देखना है कि भारत को इससे क्या लाभ होता है।