क्या 17 साल से फरार दुर्गेश को मुंबई क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया?
सारांश
Key Takeaways
- दुर्गेश उर्फ छोटू अवधेश गौड़ को 17 साल बाद गिरफ्तार किया गया।
- वह मुलुंड में हुई एक हत्या का आरोपी है।
- पुलिस ने तकनीकी और मानव खुफिया का उपयोग किया।
- गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने अपनी भूमिका स्वीकार की।
- यह मामला कानून व्यवस्था की चुनौतियों को दर्शाता है।
मुंबई, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 4 ने एक ऐसा आरोपी पकड़ा है, जो मुलुंड पुलिस स्टेशन में दर्ज एक हत्या के मामले में पिछले 17 सालों से फरार था। इस आरोपी की पहचान दुर्गेश उर्फ छोटू अवधेश गौड़ के रूप में हुई है।
क्राइम ब्रांच के अनुसार, 1 अक्टूबर 2008 को डांगरपाड़ा, पाइपलाइन, मुलुंड कॉलोनी, मुलुंड (वेस्ट) में, आरोपी ने अवैध दवाओं के लेन-देन को लेकर हुए विवाद में राजेश सोनी लखवानी (31) नामक व्यक्ति पर धारदार हथियार से कई बार हमला कर उसकी बर्बरता से हत्या कर दी थी।
इस मामले में मुलुंड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी। जांच के दौरान पुलिस ने अरुण अन्नाप्पा कुंचिकोर कन्ना उर्फ राजा गणेश देवेंद्र और सनी उर्फ अजिक्य जानकीदार कबाड़े नामक दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा, दो अन्य लोग भी फरार थे और उन्हें बाद में वॉन्टेड घोषित किया गया।
गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, मुलुंड, मुंबई के समक्ष चार्जशीट दायर की गई थी, जिसमें दुर्गेश उर्फ छोटू अवधेश गौड़ को वॉन्टेड आरोपी के रूप में दर्शाया गया था। पुलिस लगातार उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा था।
पुलिस ने विश्वसनीय स्रोत से मिली जानकारी पर और मानव खुफिया के साथ तकनीकी इनपुट का उपयोग करते हुए, क्राइम ब्रांच यूनिट-4 के अधिकारियों ने वॉन्टेड आरोपी के रावली कैंप एंटॉप हिल क्षेत्र में आने की सूचना प्राप्त की। पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और वह उसमें फंस गया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद, आरोपी को क्राइम ब्रांच के यूनिट 4 कार्यालय लाया गया, जहां पुलिस ने उससे पूछताछ की। उसने मुलुंड में की गई हत्या में अपनी भूमिका स्वीकार की। इसके बाद, वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर आरोपी को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए मुलुंड पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है।