क्या 18 साल बाद नागपुर जेल से छूटे अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली?

सारांश
Key Takeaways
- अरुण गवली 17 साल बाद जेल से बाहर आए हैं।
- उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली।
- गवली को 2007 में हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
- उन्होंने 18 साल की सजा का सामना किया।
- पुलिस सुरक्षा में उन्हें रिहा किया गया।
नागपुर, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली 17 वर्षों के अंतराल के बाद नागपुर जेल से बाहर निकल आया है। उसे 2007 में शिवसेना नेता कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अरुण गवली को जमानत दी। इसके पश्चात बुधवार को डॉन अरुण गवली बेल पर नागपुर जेल से रिहा हुआ।
गवली की रिहाई नागपुर पुलिस की सुरक्षा में हुई। रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस टीम ने उसे नागपुर के बाबासाहेब अंबेडकर एयरपोर्ट पर लाया, जहाँ से वह विमान द्वारा मुंबई के लिए रवाना हुआ।
अरुण गवली, जिसने 2004 में मुंबई की एक विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव भी लड़ा था, वह कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में नागपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था। गवली को इस मामले में दोषी ठहराया गया था और मुंबई सत्र न्यायालय ने 2012 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसके बाद उसे नागपुर सेंट्रल जेल में भेजा गया था।
गिरफ्तारी के बाद अरुण गवली ने कई बार अदालतों का रुख किया। उसने सत्र न्यायालय के निर्णय को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 2019 में हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। अंततः, गवली ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
पिछले सप्ताह 28 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना पार्षद हत्या मामले में गवली को जमानत दी। अदालत ने गवली की उम्र (73 वर्ष) और लंबी सजा अवधि (18 वर्ष) को ध्यान में रखते हुए जमानत को स्वीकार किया।