क्या 2025 में दुनिया में आई प्राकृतिक आपदाओं ने तबाही मचाई?
सारांश
Key Takeaways
- प्राकृतिक आपदाएँ: दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बाढ़, भूकंप, और तूफान जैसी आपदाएँ आईं।
- मानव जीवन: लाखों लोग प्रभावित हुए और कई लोगों की जान गई।
- अंतरराष्ट्रीय सहायता: प्रभावित देशों में सहायता हेतु कई देशों ने मदद की।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष, विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं ने भयानक तबाही का सामना किया है। कहीं बाढ़ ने कहर बरपाया, कहीं भूकंप ने तबाही मचाई और कहीं तूफानों ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। आइए जानते हैं कि वर्ष 2025 में कौन-कौन सी आपदाएँ देखने को मिलीं।
श्रीलंका में दितवाह तूफान: हाल ही में श्रीलंका में दितवाह तूफान ने भयंकर विनाश किया है। तूफान के बाद आई बाढ़ और खराब मौसम ने लाखों जीवन को प्रभावित किया। लगभग 600 से अधिक लोगों की जान भी गई। देश में राहत कार्य अभी भी जारी है और भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत सहायता प्रदान की है।
इथियोपिया का ज्वालामुखी विस्फोट: इथियोपिया का हेली गुब्बी ज्वालामुखी, जो लगभग 10-12 हजार वर्षों बाद फटा है, ने व्यापक तबाही मचाई। ज्वालामुखी से निकली राख का बादल इथियोपिया के लाल सागर से होते हुए यमन, ओमान, अरब सागर के ऊपर से पश्चिमी भारत और फिर उत्तर भारत तक पहुँच गया। यह ज्वालामुखी लगभग 12 हजार वर्षों तक शांत रहा और इसकी राख आसमान में लगभग 14 किलोमीटर ऊपर तक उठी।
लॉस एंजेलिस की आग: वर्ष की शुरुआत में लॉस एंजेलिस के जंगलों में भयंकर आग ने 10 हजार एकड़ क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। इस आग में कई लोगों की जान गई और 12 हजार से अधिक इमारतें नष्ट हो गईं। आग के कारण लगभग 135150 बिलियन डॉलर तक का नुकसान होने का अनुमान है।
म्यांमार का भूकंप: म्यांमार में 28 मार्च7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही का मंजर पेश किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस भूकंप में लगभग 3000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 4500 लोग घायल हुए।
यूरोप में हीटवेव: यूरोप के विभिन्न हिस्सों में हीटवेव का प्रकोप देखा गया। कई क्षेत्रों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया, जिससे जनहानि हुई।
भारत में बाढ़: भारत के विभिन्न राज्यों में हुई भारी बारिश ने बाढ़ का प्रकोप उत्पन्न किया। पंजाब, राजस्थान, बिहार, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बाढ़ ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया।
—राष्ट्र प्रेस
केके/डीएससी