क्या 2025 में अभिनेत्रियों ने ओटीटी की दुनिया को बदल दिया है?
सारांश
Key Takeaways
- भूमि पेडनेकर: 'द रॉयल्स' में सशक्त किरदार।
- हुमा कुरैशी: 'महारानी' में राजनीतिक ताकत।
- कृति खरबंदा: 'राणा नायडू' में नेगेटिव किरदार।
- कुब्रा सैत: 'द ट्रायल' में चुनौतीपूर्ण भूमिका।
- नुसरत भरुचा: 'छोरी 2' में हॉरर जॉनर।
मुंबई, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पिछले कुछ वर्षों में बॉलीवुड और भारतीय मनोरंजन ने डिजिटल प्लेटफार्मों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ओटीटी प्लेटफार्म के माध्यम से दर्शक अपने घरों में ही नई और अनूठी कहानियों का आनंद ले सकते हैं। 2025 में भारतीय मनोरंजन का स्वरूप स्पष्ट रूप से बदलता नजर आया।
ओटीटी ने अभिनेत्रियों को ऐसे किरदार निभाने का अवसर दिया है जो न केवल बहुआयामी हैं, बल्कि साहसी भी हैं और जिनमें गहरी भावनाएँ भी हैं। इस वर्ष, कुछ अभिनेत्रियों के ऐसे ही किरदारों ने चर्चा का विषय बने।
भूमि पेडनेकर ने सीरीज 'द रॉयल्स' के माध्यम से यह साबित किया कि वह केवल फिल्मी कॉमेडी या रोमांस तक सीमित नहीं हैं। इस शो में उन्होंने सत्ता और चालबाज़ी के खेल में अपनी पहचान बनाई। यह सीरीज 9 मई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। भूमि का अभिनय इतना प्रभावशाली है कि दर्शक हर पल उनके साथ जुड़े रहते हैं।
हुमा कुरैशी ने 'महारानी' के चौथे सीजन में दिखाया कि राजनीति के जटिल क्षेत्र में महिलाएं कितनी मजबूत और प्रभावशाली हो सकती हैं। यह सीरीज 7 नवंबर को सोनी लिव पर स्ट्रीम हुई। अपने किरदार में आत्मविश्वास और सशक्तता का प्रदर्शन करते हुए, हुमा ने साबित किया कि महिला प्रधान किरदार केवल कहानी का हिस्सा नहीं, बल्कि उसे आगे बढ़ाने का माध्यम हैं।
कृति खरबंदा ने इस साल ओटीटी पर डेब्यू करते हुए नायिका प्रधान से हटकर एक डार्क और नकारात्मक शेड वाले किरदार में अपनी प्रतिभा दर्शाई। 'राणा नायडू सीजन 2' में उन्होंने अपने आत्मविश्वास और भावनात्मकता से दर्शकों का ध्यान खींचा। यह सीरीज 13 जून को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई। कृति ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा से यह साबित कर दिया कि वह हर किरदार में खुद को ढाल सकती हैं।
कुब्रा सैत का अभिनय हमेशा जटिल और चुनौतीपूर्ण किरदारों में अद्भुत रहता है। 'द ट्रायल सीजन 2' में उन्होंने कानूनी उलझनों और व्यक्तिगत संघर्षों के बीच अपने किरदार को विश्वसनीयता के साथ प्रस्तुत किया। यह सीरीज 19 सितंबर को जियो हॉटस्टार पर स्ट्रीम हुई। कुब्रा की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह किसी भी ड्रामा को जमीन से जोड़कर पेश करती हैं।
नुसरत भरुचा ने हॉरर जॉनर में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। 'छोरी 2' में उन्होंने डर और आंतरिक मजबूती को इतनी सटीकता से दिखाया कि दर्शक भावनाओं में पूरी तरह डूब गए। यह फिल्म 11 अप्रैल को अमेजन प्राइम वीडियो पर प्रीमियर हुई थी। नुसरत ने अलग-अलग भूमिकाएं चुनकर खुद को ओटीटी की सबसे निडर और जोखिम उठाने वाली अभिनेत्रियों में शामिल किया है।
सान्या मल्होत्रा ने 'मिसेज' में महिलाओं की पहचान और आत्म-खोज जैसी जटिल भावनाओं को निपुणता से प्रस्तुत किया। उनकी एक्टिंग में संयम और भावनात्मक गहराई का संतुलन देखने को मिला। यह फिल्म 7 फरवरी को जी5 पर स्ट्रीम हुई थी। सान्या की कम शब्दों में बहुत कुछ कहने की कला उन्हें ओटीटी की सबसे सशक्त अभिनेत्रियों में शामिल करती है।
शबाना आजमी का अनुभव और अधिकार उन्हें 'डब्बा कार्टेल' में कहानी की रीढ़ बनाते हैं। उनका अभिनय क्लासिकल भारतीय शैली की विरासत को आधुनिक ओटीटी की ऊर्जा के साथ जोड़ता है। यह सीरीज 28 फरवरी को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई। शबाना आजमी की उपस्थिति ड्रामा के लिए नया मानक स्थापित करती है और दर्शकों को एक यादगार अनुभव देती है।