क्या बिहार में बसपा की सरकार बनाना आवश्यक है? : आकाश आनंद
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में बसपा की सरकार बनाने का आह्वान।
- वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष।
- यात्रा के दौरान जनसभा का आयोजन।
- जातिवाद और सामाजिक असमानता के खिलाफ आवाज उठाना।
- मायावती के नेतृत्व में सामाजिक न्याय की दिशा में कदम।
कैमूर, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने बुधवार को कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा के भगवानपुर हाई स्कूल से "बहुजन हिताय जागरूकता यात्रा" का आरंभ किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय समन्वयक एवं राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, केंद्रीय प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार तथा कई अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
यात्रा के दौरान नगर पालिका मैदान, भभुआ और डाकबंगला मैदान, मोहनिया में भी जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। यात्रा का शुभारंभ करते हुए आकाश आनंद ने बिहार में बसपा की सरकार बनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और कांशीराम द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए, बहुजन समाज पार्टी दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सशक्त आवाज बनकर कार्य कर रही है।
आकाश आनंद ने कहा कि हमारे देश में समय-समय पर अनेक महान समाज सुधारकों ने वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है। उन्होंने अपने जीवन को इन वर्गों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए समर्पित कर दिया। इन्हीं की राह पर आज मायावती चल रही हैं और उनका अधूरा सपना पूरा करने के लिए समर्पित हैं।
उन्होंने कहा कि आज भी जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी सोच वाली पार्टियां सत्ता में आकर संविधान को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं। उत्तर प्रदेश इसका जीता-जागता उदाहरण है कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनने पर किस तरह परिवर्तन संभव है। मायावती के नेतृत्व में यूपी में चार बार सरकार बनी और "सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय" की नीति पर काम किया गया।
उन्होंने बिहार की जनता को आह्वान करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में अपने अधिकार और कल्याण के लिए, अपनी आवाज को मजबूत बनाने के लिए, बसपा जरूरी है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद रामजी गौतम ने कहा कि बिहार में वर्षों से चल रही बेरोजगारी, पलायन और सामाजिक असमानता की समस्याओं का समाधान केवल बसपा की नीतियों और मायावती के नेतृत्व में ही संभव है। 11 सितंबर को यह यात्रा रामगढ़, राजपुर और बक्सर पहुंचेगी। 12 सितंबर को दिनारा और करहगर विधानसभाओं में, 14 सितंबर को कुर्था और जहानाबाद, 15 सितंबर को छपरा और सिवान, 16 सितंबर को गोपालगंज और बेतिया, 18 सितंबर को मोतिहारी (कल्याणपुर विधानसभा) और मुजफ्फरपुर तथा 19 सितंबर को वैशाली में इसका समापन होगा।