क्या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ आशीष चौहान की पुस्तक ‘स्थितप्रज्ञ’ का मराठी संस्करण विमोचन हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- आशीष चौहान का संघर्ष और मेहनत की कहानी
- दृढ़ संकल्प से सपनों को साकार करने की प्रेरणा
- स्थानीय पाठकों के लिए प्रासंगिकता
- भारत के बदलते परिदृश्य की कहानी
- पुस्तक का महत्व और सराहना
मुंबई, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सीईओ और प्रबंध निदेशक आशीष कुमार चौहान की पुस्तक ‘स्थितप्रज्ञ’ के मराठी संस्करण का भव्य विमोचन हुआ। यह पुस्तक उनके जीवन की प्रेरणादायक यात्रा को दर्शाती है, जिसे डॉ. मयूर शाह ने लिखा है।
इस विशेष अवसर पर आयोजित समारोह में वित्तीय क्षेत्र, साहित्य और सामाजिक हस्तियों ने भाग लिया, जिन्होंने आशीष चौहान के योगदान और इस पुस्तक की महत्ता की सराहना की।
पुस्तक विमोचन के दौरान आशीष चौहान ने कहा, “यह पुस्तक मैंने नहीं लिखी, इसे डॉ. मयूर शाह ने लिखा है, जो मेरे जीवन की कहानी पर आधारित है। उन्होंने मेरी यात्रा के प्रति विशेष जिज्ञासा दिखाई। मैंने उनसे कहा था कि मेरे जीवन में कुछ भी असाधारण नहीं है। मैं एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से हूं और कई अन्य लोगों की तरह मेरी भी गांव से शहर तक के संघर्ष की कहानी है। यह पुस्तक उसी यात्रा का एक लेखा-जोखा है।”
‘स्थितप्रज्ञ’ आशीष चौहान के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है, जिसमें उनकी साधारण शुरुआत से लेकर भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के शीर्ष पद तक की यात्रा शामिल है। यह पुस्तक न सिर्फ उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन की चुनौतियों और उपलब्धियों को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है।
मराठी में लिखी गई यह पुस्तक स्थानीय पाठकों के लिए उनकी कहानी को और अधिक प्रासंगिक बनाती है। चौहान ने अपने संबोधन में बताया कि यह पुस्तक उनके लिए एक भावनात्मक यात्रा है। मैं चाहता हूं कि यह पाठकों को प्रेरित करे कि वे अपनी जड़ों को न भूलें और अपने लक्ष्यों के लिए मेहनत करें।
पुस्तक को मराठी साहित्य प्रेमियों और वित्तीय क्षेत्र के जानकारों ने खूब सराहा है। यह पुस्तक न सिर्फ एक व्यक्ति की जीवनी नहीं, बल्कि यह भारत के बदलते परिदृश्य की भी कहानी बयान करती है। ‘स्थितप्रज्ञ’ अब प्रमुख किताबों की दुकानों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जल्द ही उपलब्ध होगी।