क्या मराठी सम्मान की बात करने वाले लोग महिलाओं के प्रति असभ्य हैं? : अबू आजमी

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं के प्रति असभ्य व्यवहार की निंदा होनी चाहिए।
- राजनीतिक बयानबाजी से समाज में असंतोष बढ़ रहा है।
- सभी समुदायों को सम्मान मिलना चाहिए।
- सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
- वोट बैंक की राजनीति का समाज पर नकारात्मक प्रभाव है।
मुंबई, ८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई के अंधेरी वेस्ट स्थित वीरा देसाई रोड पर एक महिला के साथ गाली-गलौज और धमकियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहा है। आरोपी को मनसे नेता का बेटा बताया जा रहा है। इस वीडियो को लेकर सियासी बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है।
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जो लोग मराठी संस्कृति की रक्षा की बात करते हैं, क्या वे मराठी महिलाओं के साथ ऐसा असभ्य व्यवहार कर रहे हैं? उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे लोगों को पहचानें।
आजमी ने कहा कि ये लोग केवल वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। मराठी के नाम पर वोट मांगने की उनकी चाल अब सफल नहीं होगी। इनकी असलियत सामने आ गई है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि शिवसेना और मनसे दोनों की राजनीतिक स्थिति कमजोर हो गई है। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से अलग गुट बना लिया है, जिससे उनकी सियासी पकड़ कमजोर हुई है।
उत्तर भारतीयों और अन्य राज्यों से आने वालों का योगदान महाराष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण है। लेकिन मराठों के खिलाफ हिंसा का होना बेहद गलत है। हमें सरकार से अपील करनी चाहिए कि वह ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़े कदम उठाए। महाराष्ट्र का और मराठी का सम्मान हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है।
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान पर उन्होंने कहा कि मुसलमान इस देश का हिस्सा हैं और उन्होंने हमेशा देश की रक्षा के लिए अपना खून बहाया है। जो लोग मुसलमानों को गद्दार कहते हैं, उन्हें कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए। संविधान का पालन सभी को करना चाहिए।