क्या अभाविप ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव को ज्ञापन सौंपा?

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क्या अभाविप ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव को ज्ञापन सौंपा?

सारांश

नई दिल्‍ली में अभाविप ने यूजीसी सचिव को ज्ञापन सौंपकर छात्रों के लिए शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। क्या यह कदम छात्रों की समस्याओं का समाधान करेगा? जानें इस ज्ञापन की मुख्य मांगें और यूजीसी की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • छात्रसंघ चुनाव के लिए नए कानून की मांग।
  • सीयूईटी के लिए केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया की आवश्यकता।
  • शुल्क वृद्धि पर रोक लगाने का आग्रह।
  • स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए नियमित अकादमिक कैलेंडर
  • महिला सुरक्षा के लिए आंतरिक शिकायत समिति को सशक्त बनाना।

नई दिल्‍ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रो. मनीष आर. जोशी से भेंट की और विभिन्न अकादमिक मांगों के संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया।

ज्ञापन में उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रसंघ चुनावों का आयोजन करने के लिए कानून लाने, सीयूईटी प्रवेश परीक्षा के लिए केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया अपनाने और एकल आवेदन शुल्क लागू करने, स्नातक, परास्नातक तथा शोध पाठ्यक्रमों के लिए नियमित अकादमिक कैलेंडर बनाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग की गई है। देहरादून में आयोजित अभाविप के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित प्रस्तावों के संदर्भ में, प्रतिनिधिमंडल ने यूजीसी सचिव को विद्यार्थियों की समस्याओं से अवगत कराया और इन पर त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया है।

अभाविप हमेशा से ही सकारात्मक शैक्षिक परिवेश और विद्यार्थियों के हित में कार्य कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप यह आज विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में स्थापित हो चुकी है। ज्ञापन में सीयूईटी प्रवेश परीक्षा की जटिलताओं को दूर करने की मांग की गई है, जिससे केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया और एकल आवेदन शुल्क लागू किया जा सके। स्नातक, परास्नातक और शोध पाठ्यक्रमों के सत्रों को नियमित करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी करने की भी मांग की गई है।

इसके अलावा, शिक्षण संस्थानों द्वारा निरंतर शुल्क वृद्धि को रोकने, सभी संस्थानों में छात्रसंघ चुनावों की बहाली और विनियमन के लिए नए कानून लाने, प्रत्येक संस्थान में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स (एनसीसी) की इकाइयों की स्थापना और महिला सुरक्षा के लिए आंतरिक शिकायत समिति को सशक्त बनाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी ज्ञापन में शामिल किए गए हैं।

डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि आज अभाविप का प्रतिनिधिमंडल यूजीसी सचिव को विभिन्न अकादमिक समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए ज्ञापन प्रस्तुत किया है, जिसमें शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया है। यह ज्ञापन अभाविप के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित प्रस्तावों के आलोक में प्रस्तुत किया गया है। यूजीसी सचिव ने अभाविप द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और इन समस्याओं के समाधान के लिए आश्वासन भी दिया है।

Point of View

NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

अभाविप का उद्देश्य क्या है?
अभाविप का उद्देश्य विद्यार्थियों के हितों की रक्षा करना और शैक्षिक सुधारों के लिए काम करना है।
यूजीसी सचिव ने ज्ञापन पर क्या प्रतिक्रिया दी?
यूजीसी सचिव ने अभाविप द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।
ज्ञापन में किन मांगों को शामिल किया गया है?
ज्ञापन में छात्रसंघ चुनाव, सीयूईटी प्रक्रिया, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग की गई है।
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