क्या अधीर रंजन चौधरी ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर शौचालय की सुविधा की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- अधीर रंजन चौधरी ने रेल मंत्री को पत्र लिखा है।
- ईएमयू-मेमू ट्रेनों में शौचालय की सुविधा की मांग की गई है।
- पत्र में इसे अमानवीय बताया गया है।
- सामाजिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
- सरकार से तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया गया है।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र भेजकर सियालदह और लालगोला (250 किलोमीटर) के बीच चलने वाली नौ ईएमयू-मेमू ट्रेनों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने ऐसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव को 'अमानवीय' बताया और मंत्री से लाखों दैनिक यात्रियों, विशेषकर मुर्शिदाबाद जैसे पिछड़े जिलों के यात्रियों के हित में तुरंत कदम उठाने का अनुरोध किया।
अधीर रंजन चौधरी ने रेल मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि मैं आपका ध्यान सियालदह मंडल के रेल यात्रियों की बड़ी असुविधाओं की ओर आकृष्ट करना चाहता हूं, जिन्हें कोलकाता और लालगोला के बीच 250 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली सियालदह-लालगोला, कोलकाता-लालगोला, राणाघाट-लालगोला जैसी लोकल ट्रेनों में यात्रा करते समय शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है।
पत्र में कहा गया है कि भारतीय रेलवे को स्वतंत्रता के बाद से ही अपनी उत्कृष्ट सेवाओं, जिनमें सामाजिक प्रतिबद्धता भी शामिल है, के लिए जाना जाता है। मुर्शिदाबाद जिला देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक माना जाता है। संबंधित जिलों के लोग हमेशा ईएमयू या मेमू सहित उन 9 लोकल ट्रेनों का लाभ उठाते हैं, जिनमें शौचालय की सुविधा नहीं होती।
उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसे सभ्य समाज में जब सरकार स्वयं स्वच्छ भारत के लिए अभियान चला रही है और जागरूकता कार्यक्रम चला रही है, क्या आपको नहीं लगता कि यह एक गंभीर अमानवीय कृत्य है जो इस प्रतिष्ठित रेलवे संगठन द्वारा उन न्यूनतम सुविधाओं की परवाह किए बिना किया जा रहा है जिनके वे (यात्री) हकदार हैं, क्योंकि वे आपकी सेवाओं का लाभ अपनी मेहनत की कमाई की कीमत पर उठा रहे हैं।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मैं आपको एक संवेदनशील मंत्री मानता हूं जो उन लाखों यात्रियों की गंभीर समस्या को आसानी से समझ सकते हैं और रेल यात्रियों के मानवीय स्वभाव को देखते हुए वैज्ञानिक उपाय कर सकते हैं।