क्या अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच व्यापार में गिरावट का प्रमुख कारण तालिबान हैं?

सारांश
Key Takeaways
- 2025 की पहली छमाही में व्यापार में गिरावट.
- तालिबान की नीतियों का व्यापार पर असर.
- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच मुख्य व्यापारिक वस्तुएं.
- आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता.
- सीमा सुरक्षा वार्ता में विफलता.
काबुल, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 की पहली छमाही में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार में गिरावट देखी गई है। स्थानीय समाचार माध्यमों ने अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के हवाले से बताया है कि दोनों देशों के बीच का व्यापार घटा है।
अफगानिस्तान के टोडो न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस वर्ष व्यापार लगभग 1.108 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर है, जबकि पिछले वर्ष इसी समय यह आंकड़ा 1.117 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था।
पाकिस्तान को अफगानिस्तान का एक प्रमुख क्षेत्रीय व्यापारिक साझेदार माना जाता है। हालांकि, व्यापारिक आदान-प्रदान में मौजूद चुनौतियों के कारण व्यापार में कमी आई है।
तालिबान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता अखुंदजादा अब्दुल सलाम जवाद ने कहा, "पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली मुख्य वस्तुएं जैसे कोयला, कपास, प्रसंस्कृत टैल्कम पाउडर, मूंग, खीरा, बीन्स, तंबाकू और मसूर शामिल हैं। आयात के लिए मुख्य वस्तुओं में चावल, सीमेंट, चिकित्सा आपूर्ति, विभिन्न प्रकार के कपड़े और आलू शामिल हैं।"
यह ध्यान देने योग्य है कि अफगानिस्तान की भौगोलिक स्थिति और पाकिस्तान के माध्यम से निर्यात मार्गों पर निर्भरता को देखते हुए, अफगानिस्तान के कृषि एवं पशुधन चैंबर ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
अफगानिस्तान के कृषि एवं पशुधन चैंबर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वसीम सफी ने कहा कि अच्छे व्यापारिक संबंध स्थापित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए ताकि देश को इसका लाभ मिल सके।
शनिवार को, पाकिस्तान ने सीमा सुरक्षा वार्ता विफल होने पर तालिबान को बल प्रयोग की धमकी दी।
अफगानिस्तान के खामा प्रेस के अनुसार, पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि यदि तालिबान के साथ बातचीत से सीमा पार आतंकवाद नहीं रुका, तो इस्लामाबाद "गोली की भाषा" में जवाब देगा।
तलाल चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पाकिस्तान में हाल ही में हुए करीब 80 प्रतिशत आतंकी हमलों में अफगानिस्तान के लोगों का हाथ है। उन्होंने यह भी कहा कि घुसपैठ रोकने के लिए कड़े सीमा नियंत्रण कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है। पाकिस्तान सभी सुरक्षा खतरों को समाप्त करने के लिए तैयार है और विकास के लिए स्थिरता और सुरक्षा को आवश्यक मानता है।
-- राष्ट्र प्रेस
कनक/डीएससी